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वाटर फिल्टर प्लांट से जहरीली क्लोरीन गैस रिसने से मचा हड़कंप

आसपास के क्षेत्र में फैली दुर्गंध, लोगों को सांस लेने में परेशानी के साथ आंखों से बहे आंसू

देवासJun 15, 2020 / 05:41 pm

Chandraprakash Sharma

वाटर फिल्टर प्लांट से जहरीली क्लोरीन गैस रिसने से मचा हड़कंप

देवास/कन्नौद। नगर परिषद के बायपास रोड स्थित वाटर फिल्टर प्लांट में रविवार दोपहर 11.30 बजे क्लोरीन गैस का अचानक तेज आवाज के साथ रिसाव शुरू हो गया। इससे आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया और दहशत फैल गई।
आसपास करीब 100 मीटर तक लोगों ने गैस की गंध महसूस की। कुछ को घुटन हुई तो कुछ को सांस लेने में दिक्कत और आंखों से आंसू आने की शिकायत भी की।बायपास रोड स्थित फिल्टर प्लांट से गैस लीकेज होने से लोगों में दहशत फैल गई और हड़कंप मच गया। वही लोगों को घुटन महसूस हुई। सिलेंडर से क्लोरीन गैस 100 मीटर तक फैली जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल होकर अफरा तफरी मच गई। लेकिन इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी नगर परिषद का कोई जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी घटनास्थल पर उपस्थित नहीं हुआ था। अगर ऐसे में फिल्टर प्लांट के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण कोई बड़ा हादसा हो जाता है तो इसका जवाबदार कौन होता। हालाकि नगर परिषद के सीएमओ और फिल्टर प्लांट के इंजीनियरों ने इसे मामूली रिसाव बताते हुए किसी भी तरह की परेशानी से इनकार किया है और अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रविवार दोपहर एक सिलेंडर से अचानक गैस का रिसाव होने लगा। महज 10 मिनट रिसी गैस ने फिल्टर प्लांट के आसपास 100 मीटर दायरे के मकानों में रहने वाले को सांस लेने में परेशानी पैदा कर दी। फिल्टर प्लांट के मुख्य ऑपरेटर तेजराम टेकराम ने बताया कि पूर्व में ब्लीचिंग पाउडर डालकर पानी साफ किया जाता था लेकिन अब क्लोरीन गैस के सिलेंडर से पानी को साफ किया जाता है। एक सिलेंडर लगभग 50 किलो का आता है, आज सिलेंडर चेंज करते समय थोड़ी गैस लीकेज हो गई थी, इस कारण ऐसा हुआ है हालांकि हमने तुरंत उस पर काबू पा लिया था। बारिश में तो एक दो महीने में ही हमें सिलेंडर चेंज करना पड़ेगा, क्योंकि बारिश के कारण गंदा पानी ज्यादा आएगा। इसलिए क्लोरीन गैस के सिलेंडर ज्यादा लगेंगे। निगम के कर्मचारी ने तुरंत गैस सिलेंडर को बंद कर दिया। इसके बाद रिसाव बंद हुआ। गौरतलब है कि पानी साफ करने के लिए क्लोरीन का इस्तेमाल किया जाता है। क्लोरीन गैस के सिलेंडर मंगाए जाते है, इसे पानी में मिलाया जाता है। भोपाल गैस कांड की दहशत अभी भी लोगों के जेहन में है ऐसे में क्लोरीन गैस के रिसाव ने लोगों की चिंता बढ़ा दी। जल कार्य विभाग के प्रमुख इंजीनियर शिवम गुप्ता का कहना है कि रिसाव कोई खास नहीं था सिलेंडर चेंज करते समय थोड़ी सी गैस रिसाव हो गई थी और इससे किसी को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई। फिल्टर प्लांट में क्लोरीन गैस सिलेंडर सही स्थिति में पहुंचे इसकी जिम्मेदारी जलकार्य इंजीनियर गुप्ता पर है, लेकिन गुप्ता ने घटना स्थल पर पहुंच कर किसी भी तरह की जानकारी लेने की जहमत नहीं उठाई। फोन पर ही पूरी जानकारी ले ली थी। लेकिन यदि सिलेंडर की गैस पूरी तरह निकल जाती तो बड़ी परेशानी हो सकती थी। नगर परिषद सीएमओ राजेश मिश्रा ने बताया कि गैस सिलेंडर चेंज करने के कारण घटना हुई अब सब ठीक है, लेकिन सीएमओ ने भी घटना स्थल पर पहुंचकर किसी भी तरह की जानकारी लेने की जहमत नहीं उठाई। फोन पर ही पूरी जानकारी ले ली थी सिलेंडरों पर नहीं एक्सपायरी डेटविश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि आमतौर पर एलपीजी सिलेंडरों पर एक्सपायरी डेट दर्ज होती है। इसके बाद उनमें गैस नहीं भरी जाती, लेकिन क्लोरीन के सिलेंडरों पर कोई एक्सपायरी डेट नहीं है, जो कंपनी सिलेंडर की आपूर्ति करती है, वह पुराने सिलेंडरों का ही इस्तेमाल करती है। सिलेंडर करीब 30 साल पुराने हैं। इससे पानी में क्लोरीन मिलाने जब सिलेंडर खोला गया तो उसका पुराना नोजल फट गया और रिसाव शुरू हो गया।

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