इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार साल 2004 में देवरिया के बरहज थाना क्षेत्र के करजहा गांव के रहने वाले कमलेश यादव पुलिस महकमे से जुड़े थे। होमगार्ड कमलेश यादव को छह महीने पहले ही देवरिया पुलिस ने डायल 112 यानी पुलिस आपातकालीन हेल्पलाइन सेवा में वाहन चालक बनाया था। इसी बीच सरकारी आदेश के अनुपालन में देवरिया के सभी पुलिस स्टेशनों में जिले के सभी हिस्ट्रीशीटरों के फिजिकल वेरिफिकेश का अभियान चलाया गया। इस दौरान सभी थानों के पुलिसकर्मी इन हिस्ट्रीशीटरों के ठिकानों का पता लगाने लगी। इसी में एक पता होमगार्ड कमलेश यादव का भी निकलकर सामने आया। पुलिस कमलेश यादव के घर पहुंची तो उसका बैकग्राउंड जानकर सन्न रह गई।
पुलिस विभाग में 19 साल से नौकरी कर रहे हिस्ट्रीशीटर की पोल खुलने के बाद देवरिया एसपी संकल्प शर्मा ने जांच बैठा दी है। उन्होंने बताया कि यह पता लगाया जाएगा कि कैसे कमलेश यादव पुलिस अधिकारियों को गुमराह करने में कामयाब रहे। एसपी संकल्प शर्मा ने अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मामला सामने आते ही होमगार्ड कमलेश यादव को ड्यूटी से हटा दिया गया है। साथ ही मामले में कार्रवाई के लिए देवरिया होमगार्ड कमांडेंट को पत्र भी लिखा गया है। जांच में ये पता लगाया जाएगा कि कमलेश के दस्तावेजों की कभी जांच क्यों नहीं की गई? साथ ही ज्वाइनिंग के दौरान विभाग को उन्होंने कौन से दस्तावेज उपलब्ध कराए थे।
देवरिया के बरहज थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार हिस्ट्रीशीटर कमलेश के खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज थे। इनमें 2005 में हत्या के प्रयास का मुकदमा बरहज थाने में दर्ज किया गया था। बाकी भलुवानी थाने में गैंगस्टर एक्ट और अपहरण सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किए गए थे। SHO जितेंद्र सिंह ने बताया कि इनमें से दो मामलों में कमलेश यादव को कोर्ट से क्लीन चिट मिल चुकी है, लेकिन गैंगस्टर एक्ट का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट में कमलेश के खिलाफ जो भी मामले विचाराधीन हैं। उनमें कमलेश को जमानत मिली हुई है। कमलेश 2004 में बतौर होमगार्ड विभाग में भर्ती हुए थे। उनके खिलाफ साल 2005 में मुकदमे दर्ज किए गए। जबकि साल 2006 में कमलेश की हिस्ट्रीशीट खोली गई थी।