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देहरादून

बड़ी खबर : श्रमिकों को सुरंग में ही बिताने पड़ सकते हैं दो-तीन दिन, ये है वजह

सिलक्यारा में निर्माणधीन टनल टूटने से भीतर फंसे 41 श्रमिकों को 14वें दिन भी अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। इसे लेकर आज एक और बड़ा अपडेट सामने आया है।

देहरादूनNov 25, 2023 / 01:42 pm

Naveen Bhatt

सिलक्यारा सुरंग में ड्रिलिंग के दौरान ऑगर मशीन का बरमा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है

बीते 12 नवंबर की सुबह ही सिलक्यारा में टनल टूटने से 41 श्रमिक भीतर फंस गए थे। आज रेस्क्यू का 14वां दिन है। तब से उन श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए देश और विदेश के विशेषज्ञों के अलावा आर्मी, एयरफोर्स, आईटीबीपी, एनडीआरएफ आदि एजेंसियां रेस्क्यू चला रही हैं। अमेरिका निर्मित एडवांस ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू की गई थी। इसी बीच शुक्रवार रात ऑगर मशीन फिर खराब हो गई थी। मशीन के रास्ते में सरिया आदि ठोस धातु ने बांधा पहुंचाई थी। अभी भी मशीन के पार्ट सुरंग में फंसे हुए हैं।
अब मशीन से नहीं होगी ड्रिलिंग
अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स के मुताबिक “इसके कई तरीके हैं। यह सिर्फ एक ही रास्ता नहीं है। फिलहाल सब कुछ ठीक है। उन्होंने बताया कि अब ऑगरिंग नहीं देख पाएंगे। ऑगर खत्म हो गया है। बरमा टूट गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बरमा से अब कोई काम नहीं होगा।
कल तक बाहर निकल सकती है टूटी ब्लेड
शुक्रवार को ही ऑगर मशीन की ब्लेड टूटकर भीतर फंस गई थी। शनिवार को भी उस ब्लेड को काटकर बाहर निकालने का काम चलता रहा। संभावना जताई जा रही है कि कल तक ब्लेड काटकर उसके टुकड़े बाहर निकालने का काम जारी रह सकता है।
दो-तीन दिन और इंतजार
ब्लेड के टुकड़े निकालने के बाद टनल में मैन्युअल ही काम किया जाएगा। उसमें करीब 24 घंटे तक का समय लगेगा। यानी अगले दो से तीन दिन मजदूरों को सुरंग के अंदर ही इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि सुरंग में सभी श्रमिक पूरी तरह सुरक्षित हैं।

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