जिलेभर सहित देश के कई राज्यों में हुई अतिवृष्टि के चलते सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचा है। राजस्थान के कई जिलों में भी सब्जियों की फसल को 50 फीसदी तक नुकसान हुआ है। बाहर से भी सब्जियों की आवक कम होने से दाम दो से तीन गुने स्तर पर पहुंच गए हैं। खासकर तड़के के लिए उपयोग होने वाला लहसुन और प्याज के भाव में उछाल आया देखने को मिल रहा है। लहसुन का भाव 400 रुपए प्रतिकिलो तो प्याज का भाव भी 60 से 80 रुपए प्रतिकिलो तक पहुंच गया।
आवक कम होने से बढ़े दाम
सब्जी विक्रेता सोनू, भगवान सहाय व रामकिशन सैनी ने बताया कि अति बारिश होने के कारण सब्जियों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। हरी सब्जियां तो लगभग नष्ट ही हो गई है। आसपास के क्षेत्रों में पालक, मिर्ची, धनियां, लोकी, तोरई, आलू और कद्दू की फसल की जाती है, जो चौपट हो गई है। बाहरी क्षेत्रों से सब्जी मंडी में सब्जियों की आवक कम होने और लोकल क्षेत्रों में होने वाली सब्जियों की पैदावर नष्ट होने से सब्जियों के भाव आसमान छूने लगे हैं। दीपावली से पहले हालत सामान्य होने की उम्मीद है। (ग्रामीण)सब्जियों के दाम
धनिया 300-400 प्रति किलो लहसुन 400 रुपए प्रति किलो गोभी 80-100 रुपए प्रति किलो पालक 100 प्रति रुपए प्रति किलो तोरई 60 प्रति रुपए प्रति किलो लौकी 30-40 रुपए प्रति किलो टमाटर 50-80 रुपए प्रति किलो प्याज 60-70 रुपए प्रति किलो बैंगन 30-40 रुपए प्रति किलो आलू 40 रुपए प्रति किलो भिण्डी 40-50 रुपए प्रति किलो कद्दू 30-40 रुपए प्रति किलो
अदरक (पुरानी) 200 रुपए प्रति किलो अदरक (नई) 100 रुपए प्रति किलो हरी मिर्च 60-80 रुपए प्रति किलो खीरा 40 रुपए प्रति किलो पत्ता गोभी 50 रुपए प्रति किलो परमल 30-40 रुपए प्रति किलो
अरबी 60 रुपए प्रति किलो करेला 60 रुपए प्रति किलो नींबू 100-120 रुपए प्रति किलो टिंडा 60-70 रुपए प्रति किलो काचरी 20 रुपए प्रति किलो ग्वार फली 100 रुपए प्रति किलो
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महिलाओं को चिंता, कैसे चलेगा घर
सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं। पहले ही हर सामान की कीमतें बढ़ रही हैं। अब सब्जियों के दाम भी दम निकाल रहे हैं। महंगाई में कैसे घर चलेगा, समझ नहीं आ रहा है। – उमा सोनी, गृहिणी हरी सब्जियां तो अब खरीदना नामुमकिन हो गया है। मण्डी में सब्जी के साथ फ्री मिलने वाले धनिया के भाव 400 रुपए किलो सुनकर हतप्रभ रह गई। मंडी में दस रुपए का धनिया तक नहीं मिल रहा।- रामदुलारी छीपा, गृहिणी