प्रहलाद के साथियों ने कहा कि वो पूरे शहर का लाड़ला था। शायद ही ऐसा दिन जाता हो जब वह पहाडी पर बने शिव मंदिर में दर्शन करने नहीं जाता हो। पुलिस की नौकरी चुनौतीपूर्ण होती है, समय कम मिल पाता है, लेकिन उसके बाद भी प्रहलाद समाज और दोस्तों के खैर खबर लेता रहता था। समाज के काम हों या दोस्तों को किसी तरह की परेशानी हो तो वह मौजूद रहता था।
परिवार ने बताया कि साल 2008 में प्रहलाद ने राजस्थान पुलिस ज्वाइन की थी। उसके बाद साल 2021 में दौसा एसपी ने उन्हें जिले की स्पेशल टीम में तैनात किया था। पिछले साल आज ही के दिन सवेरे एक चोर बाइक चुराकर भाग रहा था। ड्यूटी पर नहीं होने के बाद भी जब प्रहलाद को इसकी सूचना मिली तो प्रहलाद ने अपनी बाइक से पीछा शुरू कर दिया और चोर को लगभगर दबोच ही लिया। लेकिन उसने देसी कट्टे से बेहद नजदीक से फायर किया था। इस कारण प्रहलाद की जान चली गई थी।