Dausa Lok Sabha Election Result: मुरारीलाल ने लगाए BJP की हैट्रिक पर ब्रेक
राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट पर 2004 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सचिन पायलट चुनाव जीत कर लोकसभा गए थे। पायलट जब पहली बार संसद पहुंचे तब उनकी उम्र महज 26 साल ही थी। पायलट का नाम उस समय लोकसभा इतिहास में सबसे कम उम्र के सांसद के तौर पर दर्ज हुआ था।
2009 में दौसा से किरोड़ी लाल ने बतौर निर्दलीय चुनाव जीता
इसके बाद दौसा सीट परिसीमन के बाद एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हो गई और क्षेत्र में बदलाव हो गया। परिसीमन के बाद 2009 के चुनाव में इस सीट पर निर्दलीय डॉ. किरोड़ी लाल मीना चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हरीशचन्द्र मीना चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे थे। 2019 के चुनाव में भी भाजपा की जसकौर मीना चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंची थी। इस बार भाजपा ने हैट्रिक की तैयारी की थी और बस्सी से चार बार विधायक रह चुके कन्हैया लाल मीना को चुनावी मैदान में उतारा था। लेकिन कांग्रेस के मुरारीलाल मीना ने भाजपा की हैट्रिक पर ब्रेक लगा दिए हैं।
पीएम मोदी के दौसा रोड शो का नहीं दिख असर
चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशी कन्हैया लाल मीना के चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
दौसा आए थे और रोड शो किया था। प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो के बाद भाजपाईयों को आस थी कि अब तो भाजपा प्रत्याशी चुनाव जीत ही जाएंगे, लेकिन भाजपा को करारी मात मिली है।
कांग्रेस प्रत्याशी मुरारी लाल मीना ने समर्थकों के साथ दौसा मुख्यालय पर चुनाव कार्यालय में पूरा परिणाम एलईडी स्क्रीन पर लाइव देखते रहे। मतगणना के दौरान मुरारी लाल मीना अपने प्रतिद्वंदी से बढ़त बना रहे थे, वैसे उनके समर्थक मुरारी लाल व राहुल गांधी के जयकारे लगा रहे थे।
Murari Lal Meena Biography: यह है मुरारीलाल मीना का राजनीतिक सफर
मुरारीलाल मीना 2003 में बांदीकुई विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर राजस्थान विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद वे क्षेत्र बदलकर दौसा विधानसभा सीट से 2008 में बसपा से विधायक चुने गए थे। 2013 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। विधानसभा चुनाव 2018 व 2024 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे। वे अशोक गहलोत सरकार में दो बार राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि उनकी पत्नी सविता मीना ने 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गई थी।