इसी जागरुकता के चलते लालसोट-तूंगा रोड के पास बसे राणौली पुलिया के समीप रामनगर रेवड़ी, बिछ्या, राणौली, हमीरपुरा गांवों के सैकड़ों ग्रामीण बीते दो दिनों से मोरेल नदी का पानी रोक कर एक अस्थाई बांध का निर्माण करने के प्रयास में जुटे हैं। पूरा कार्य जन सहयोग से ही किया जा रहा है। कुछ ग्रामीणों द्वारा शुरू किया गया यह कार्य अब वृहद स्तर पर जारी है और लगातार ग्रामीण मदद के लिए आगे आ रहे हैं।
इस कार्य में करीब दो दर्जन ट्रैक्टरों के साथ तीन जेसीबी मशीनों का भी प्रयोग करते हुए पानी का बहाव रोकने के लिए मिट्टी की पाल तैयार की जा रही है। ग्रामीणों के अनुसार मोरेल नदी में अभी भी पचास फीट क्षेत्र में दो फीट पानी की आवक बनी हुई है। क्षेत्र में जल सतर बढ़ाने के उद्देश्य को लेकर मोरेल नदी का पानी रोकने के लिए राणौली पुलिया के पास करीब तीन सौ फीट की लम्बाई में पाल बनाई जा रही है।
अभी नदी में पानी का ज्यादा बहाव भी नहीं है, जिसके चलते पाल में कटाव या टूटने का डर नहीं है। कच्चा बांध तैयार करने में जुटे संसाधानों को देखने के लिए बुधवार को दिनभर लोगों की भीड़ जुटी रही। गौरतलब है कि झिलमली बांध में चादर चलने और टोरडवास व सिंगपुरा गांव में तैयार किए गए कच्चे बांध टूट जाने के कारण मोरेल नदी में लगातार पानी की आवक बनी है।