बता दें, दौसा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस के डीसी बैरवा ने 2300 वोटों से जीत हासिल की है। उन्होंने मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को हराया है। इस उपचुनाव में कांग्रेस के डीसी बैरवा को 75536 और बीजेपी के जगमोहन मीणा को 73236 वोट मिले हैं।
इस तरह छलका किरोड़ी को दर्द
मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने अपने भाई जगमोहन मीणा की हार के बाद अपने एक्स हैंडल पर लिखते हुए कहा कि मुझे 45 साल हो गए। राजनीति के सफर के दौरान सभी वर्गों के लिए संघर्ष किया। जनहित में सैंकड़ों आंदोलन किए। साहस से लड़ा। बदले में पुलिस के हाथों अनगिनत चोटें खाईं। आज भी बदरा घिरते हैं तो समूचा बदन कराह उठता है। मीसा से लेकर जनता की खातिर दर्जनों बार जेल की सलाखों के पीछे रहा। उन्होंने आगे कहा कि इसी मजबूत नींव और सशक्त धरातल के बूते दौसा का उपचुनाव लड़ा। जनता के आगे संघर्ष की दास्तां रखी। घर घर जाकर वोटों की भीख भी मांगी। फिर भी कुछ लोगों का दिल नहीं पसीजा। भितरघाती मेरे सीने में वाणों की वर्षा कर देते तो मैं दर्द को सीने में दबा सारी बातों को दफन कर देता लेकिन उन्होंने मेघनाथ बनकर मेरे लक्ष्मण जैसे भाई पर शक्ति का बाण चला डाला।
किरोड़ीलाल ने कहा कि साढ़े चार दशक के संघर्ष से न तो हताश हूं और न ही निराश। पराजय ने मुझे सबक अवश्य सिखाया है लेकिन विचलित नहीं हूं। आगे भी संघर्ष के इसी पथ पर बढते रहने के लिए कृतसंकल्प हूं। गरीब, मजदूर, किसान और हरेक दुखिया की सेवा के व्रत को कभी नहीं छोड सकता परन्तु ह्रदय में एक पीड़ा अवश्य है। यह बहुत गहरी भी है और पल-प्रति-पल सताने वाली भी।
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