पत्रिका द्वारा मामले का खुलासा करने के बाद संवदेक के कार्मिकों द्वारा किसानों को अधिक ली गई सरसों का भुगतान देने भरोसा भी दिया गया है। गौरतलब है कि लालसोट क्रय- विक्रय सहकारी समिति के खरीद केन्द्र पर राजफैड यानि राजस्थान स्टेट को ऑॅपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड द्वारा इन दिनों सरसों की खरीद की जा रही है। ऑनलाइन पंजीकरण के बाद किसान जब केन्द्र पर पहुंच रहे हैं तो वहां प्रति बैग 50 किलो के बजाए 51 किलो 200 ग्राम सरसों की तुलाई की जा रही थी।
यह एक किलो 200 ग्राम अधिक सरसों बारदाने व छीजत के नाम किसानों से ली जा रही थी, जबकि नेफेड द्वारा गत वर्ष के बारदाना के लिए 989 व इस वर्ष के बारदाने के लिए 775 ग्राम वजन ही निर्धारित किया है, इसके चलते प्रति बैग करीब 200 ग्राम से 400 ग्राम तक अधिक सरसों किसानों से ली जा रही थी। किसान की मेहनत को फ्री में लेने के इस पूरे मामले को राजस्थान पत्रिका ने उजागर करते हुए किसानों की मेहनत पर डाल रहे डाका शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
एक दाना भी अधिक नहीं लेने देंगे-राड़ा
मामले की जानकारी मिलने पर लालसोट क्रय- विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष जगदीश राड़ा भी शुक्रवार सुबह ही समिति कार्यालय पर जा पहुंचे। इस दौरान कई किसानों ने उन्हें बताया कि आज सुबह तक भी उनसे प्रति बैग 51 किलो 200 ग्राम सरसो ली गई है, इस दौरान मौजूद भारतीय किसान संघ के जिला उपाध्यक्ष घूमसिंह मीना ने बताया कि वे कल ही 98 बैग सरसो की तुलाई करके गए हैं, उनसे भी प्रति बैग 51 किलो 200 ग्राम सरसों ली गई है, अधिक ली गई सरसों का उन्हें भुगतान दिलाया जाए। इस पर समिति के अध्यक्ष जगदीश राड़ा ने संवदेक के कार्मिक से कहा कि एक भी ग्राम दाना किसी भी किसान से अधिक नहीं लेने देंगे, अधिक सरसों ली गई तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा एवं जिन किसानों से अधिक सरसों ली है उन्हे भुगतान किया जाए।
क्या किसानों को मिलेगा अधिक ली सरसों का भुगतान
लालसोट के खरीद केन्द्र पर 2 मई तक कुल 14475 बैग की तुलाई हो चुकी है। नियमानुसार खरीद केन्द्र के अधिकारियों व कार्मिकों के अनुसार प्रति बैग 50 किलो की भरती होनी है, जिसके अतिरिक्त पुराने बारदाने के एवज में 989 ग्राम व नए बारदाने के एवज में 775 ग्राम सरसों की अतिरिक्त तुलाई होनी है, जबकि किसानों से प्रति बैग 51 किलो 200 ग्राम सरसों ली जा रही है। यदि प्रति बैग 200 ग्राम भी अधिक सरसों 2 मई तक लालसोट के केन्द्र छीजत के नाम पर कुल 2 हजार 8 सौ 95 किलो सरसों अधिक ली जा चुकी है, जिसकी समर्थन मूल्य के अनुसार लगभग कीमत 1 लाख 63 हजार रुपए से अधिक है।
डिप्टी रजिस्ट्रार ने कार्मिक को सुनाई खरी-खोटी
राजस्थान पत्रिका द्वारा किसानों के साथ हो रहे इस खेल को उजागर करने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया। जिला कलक्टर देवेन्द्र कुमार के निर्देश पर शुक्रवार सहकारिता विभाग के डिप्टी रजिस्ट्रार सुनीत गुप्ता मामले की जांच के लिए लालसोट पहुंचे, वहीं दूसरी ओर उपखण्ड अधिकारी नरेन्द्र कुमार मीना ने भी मामले में संज्ञान लेकर तहसीलदार अमितेश मीना को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्र्देश दिए। डिप्टी रजिस्ट्रार सुनील गुप्ता ने मौके पर तुलाई की जांच करने के बाद संवेदक के कार्मिक को खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि आज से पहले अधिक सरसों किसके आदेश से ली गई है। इसके लिए राजफैड की ओर से कोई अलग से आदेश जारी किए गए है। इस पर संवेदक के कार्मिक ने जवाब दिया कि छीजत के चलते अधिक सरसों ली गई है। अधिक सरसों का नकद भुगतान किया जाएगा।