देशी जुगाड़ भी हुए फेल
वहीं आर्यन के बोरवेल में गिरने के बाद प्रशासन ने बोरवेल से करीब 20 फिट की दूरी पर ही खुदाई शुरू की थी। वहीं एनडीआरफ और एसडीआरएफ टीम ने भी कई बार एल नुमा हुक में फंसाकर आर्यन को बाहर निकालने का प्रयास किया। लेकिन इसमें भी सफलता नहीं मिली। इसके बाद प्रशासन ने आर्यन को बाहर निकालने के लिए देशी जुगाड भी अपनाया। लेकिन सभी प्रयास फेल हो गए। लेकिन आर्यन को पानी में जाने से रोकने के लिए एनडीआरफ और एसडीआरएफ की टीम आर्यन के नीचे अंब्रेला लगाने में कामयाब हो गई थी।प्लान बी शुरू, जल्द मिल सकती है सफलता
वहीं सारे प्रयास विफल होने के बाद अब प्रशासन ने अपना प्लान बी शुरू कर दिया है। जिससे जल्द ही आर्यन को बोरवेल से बाहर निकालने में सफलता मिलने की संभावना जताई जा रही है। मौके पर सवाई माधोपुर से मंगवाई गई पाईलिंग मशीन द्वारा बोरवेल से महज 4 से 5 फिट की दूरी पर ही करीब 4 फिट चौड़ाई में गड्ढे की खुदाई की जा रही है। ऐसे में 150 फिट खुदाई पूरी होने के बाद एनडीआरफ के जवान गड्ढे में नीचे उतरेंगे, और गड्ढे में ही आर्यन तक पहुंचने के लिए एक टनल बनायेंगे। जिसके जरिए वो आर्यन तक पहुंचेंगे। उसके बाद ही आर्यन को बाहर निकाला जाएगा।एक घंटे में हो रही 20 फिट तक खुदाई
एनडीआरफ जवानों से मिली जानकारी के अनुसार, पाईलिंग मशीन के जरिए एक घंटे में करीब 20 फिट तक खुदाई की जा रही है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि मशीन द्वारा करीब 7 से 8 घंटे में खुदाई का कार्य पूरा किया जाएगा। इसके बाद एनडीआरफ और एसडीआरएफ के जवानों की अग्नि परीक्षा शुरू होगी। लेकिन एनडीआरफ और एसडीआरएफ के जवान किसी भी कीमत पर आर्यन के लिए तैयार है।बोरवेल में पानी का जलस्तर बढ़ा
वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन में किसी प्रकार की अड़चन नहीं आए। इसलिए क्षेत्र की बिजली आपूर्ति पूरी तरीके से बंद की हुई है। जिससे क्षेत्र के सभी बोरवेल से पानी निकासी पूरी तरह बंद है। ऐसे में जिस बोरवेल में आर्यन गिरा है। अब उसका भी जलस्तर बढ़ने लगा है। ऐसे में रेस्क्यू टीम में लगे लोगों का कहना है कि बोरवेल का पानी आर्यन के पास तक पहुंच गया है।रातभर ग्रामीणों के साथ रहे किरोड़ी
सांसद मुरारीलाल मीना ने तड़के मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य का जायजा लिया और परिजनों से भी मुलाकात की। इससे पहले देर रात कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा भी कालीखोड़ गांव पहुंचे और रातभर ग्रामीणों व परिवार के साथ ही रहे। कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने बताया कि आपदा विभाग की ओर से दौसा जिला प्रशासन को 10 लाख रुपए जारी किए गए हैं, ताकि राहत एवं बचाव कार्य तेजी से किया जा सके। मीणा भी राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम का प्रजेंटेशन समाप्त होते कालीखाड़ गांव में पहुंच गए। मीणा ने पीड़ित परिवार व ग्रामीणों को भरोसा दिया कि चाहे कितने ही संसाधन लगाने पड़े, सरकार तैयार है और आर्यन को सकुशल बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं।बड़ी संख्या में जुटाए संसाधन
घटनास्थल पर जिला कलक्टर देवेन्द्र कुमार बीती रात्रि से ही डटे हुए हैं तथा बचाव कार्य की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे है। जिला कलक्टर ने बताया कि मासूम को बचाने के लिए मौके पर भारी संख्या में संसाधन जुटाए गए है। दर्जनों ट्रैक्टरों को मिट्टी को हटाने के लिए लगाया है। उन्होंने बताया कि खुदाई कर बच्चे को निकालने में वक्त लग रहा है। ऐसे में एनडीआरएफ मौके पर ही उपकरण तैयार कर बोरवेल से सीधे बच्चे को निकालने के लिए बार-बार जतन कर रही है।छातानुमा उपकरण से दिया सपोर्ट
एनडीआरफ की टीम ने बोरवेल के ऊपर से देशी जुगाड़ के द्वारा बच्चे को हुक में फंसाकर बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन प्रयास विफल रहा। कमांडेंट योगेश कुमार ने बताया कि मासूम को सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए लगातार ऑक्सीजन सप्लाई चालू कर रखी है। बोरवेल नीचे से करीब 16 इंच चौड़ा है, जिसके चलते मासूम के हरकत करने पर उसके पानी में जाने का डर भी है। इसके चलते एक अंब्रेलानुमा उपकरण मासूम के नीचे लगाया गया है, जिससे बालक को नीचे जाने से रोका जा सके।मां के सामने गिरा था आर्यन
जानकारी के अनुसार सोमवार दोपहर करीब तीन बजे जगदीश मीना की पत्नी गुडडी देवी खेत में कार्य कर रही थी। इस दौरान वहां खेल रहा आर्यन का पैर फिसलने से वह मां के सामने खुले पड़े बोरवेल में गिर गया। मासूम की मां ने शोर मचाकर परिजनों व ग्रामीणों को बुलाकर घटनाक्रम की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारी पहुंचे और बचाव कार्य शुरू कराया गया।