इस दौरान डॉक्टरों ने बताया कि
आर्यन की मौत बोरवेल में गिरने के दौरान चोट लगने से नहीं हुई है। वह बोरवेल में फंसने के बाद जीवित था। बोरवेल में अचानक पानी का स्तर बढ़ने से आर्यन की मौत हुई। मासूम की सांस की नली में पानी भर गया था। शरीर में किसी तरह का फ्रैक्चर नहीं था।
मासूम की मौत के बाद परिवार व गांव में पसरा मातम
उल्लेखनीय है कि जिले के कालीखाड़ गांव की ढाणी डांगडा में सोमवार (9 दिसंबर) दोपहर करीब तीन बजे पांच वर्षीय मासूम आर्यन मीना पुत्र जगदीश मीना खेलते समय घर के पास स्थित एक खुले बोरवेल में गिर गया। मासूम 160 फीट गहरे बोरवेल में करीब 150 फीट पर वह अटका हुआ था। एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी रही। बच्चे को बाहर निकालने के लिए करीब 56 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चला। बालक के मौत की खबर सुनकर माहौल गमगीन हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि जगदीश मीना के चार बेटे और एक बेटी है। बोरवेल में गिरा आर्यन सबसे छोटा बेटा है।