Sawan Mass कोरोनाकाल में ऐसे कर सकेंगे महाकाल के दर्शन, सवारी के लिए मार्ग तय इन दिनों पीताबंरा पीठ पर राजनीतिज्ञ मानो उमड़ रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश के पहले पीतांबरा पीठ पर भाजपा के भी कई वरिष्ठ नेता आ चुके हैं। इनमें मध्यप्रदेश सरकार के कुछ मंत्री भी शामिल हैं। स्थिति ये है कि पिछले 9 दिनों में 4 वरिष्ठ राजनेता पीताबंरा पीठ आकर पूजा—अर्चना कर चुके हैं। 15 जुलाई को मध्यप्रदेश सरकार के केबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट यहां आए थे। प्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री सिलावट ने पीतांबरा पीठ पर जाकर माई के समक्ष माथा टेका।
Dhuniwale Dadaji Dham गुरु पूर्णिमा का सबसे बड़ा उत्सव, बहुत खास है यह आरती इसी दिन मध्यप्रदेश सरकार की ही एक अन्य वरिष्ठ महिला मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया भी दतियां आईं थीं. प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे ने भी आश्रम जाकर पूजा—अर्चना की और तुरंत यहां से रवाना हो गईं। यशोधरा राजे केवल पूजन के लिए यहां आई थीं, उन्होंने मीडिया से भी मुलाकात नहीं की थी। दूसरे ही दिन यानि 16 जुलाई को मध्यप्रदेश सरकार के एक अन्य मंत्री राजस्व व परिवहन मंत्री गोविंदसिंह राजपूत दतिया आए. वे भी पूजा—अर्चना करने पीतांबरा पीठ पहुंचे थे।
बाइक बुलाई, ग्रामीण के पीछे बैठे और चल दिए गवर्नर देशभर में पीताबंरा पीठ वस्तुत: माता बगलामुखी के सिद्ध स्थान के रूप में जानी जाती है। यहां दस महाविद्याओं में एक माता धूमावती की भी पूजा—अर्चना की जाती है। माता बगलामुखी शत्रुओं को शांत करती हैं, विरोधियों पर वर्चस्व स्थापित करती हैं। खासतौर पर शत्रु शमन के लिए मां बगलामुखी की साधना की जाती है। मां बगलामुखी को सत्ता की देवी के रूप में भी पूजा जाता है।