40 साल से मौन व्रत पर बैठे ये बाबा
मध्यप्रदेश के दतिया के रहने वाले हैं। इन्होंने राम मंदिर बनने तक मौन रहने का प्रण लिया था। न अन्न ग्रहण किया और न ही पैरों में चप्पल पहनीं। ये हैं मौन व्रत की कहानी जिन्होंने 1984 से ही अयोध्या में रामलला के मंदिर बनने तक मौन रहने का प्रण लिया है। साथ ही उन्होंने यह भी प्रण लिया है कि जब तक मंदिर बन नहीं जाएगा, तब तक वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। पिछले 40 साल से फल खाकर ही जी रहे हैं। उन्होंने पैरों में चप्पल न पहनने का भी प्रण लिया हुआ है। अब लोग उन्हें मौनी बाबा कहकर पुकारते हैं।
लिखकर करते हैं बात
चूंकि उन्हें राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव में जाने का मौका नहीं मिला है। इसलिए उन्होंने अब निर्णय किया है कि वे 22 जनवरी के उत्सव के मौके पर राम नाम का जप करेंगे और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान मौन तोड़ेंगे। ये बात उन्होंने चॉक से लिखकर लोगों को बताई है। आपको बता दें कि वे इतने सालों से लोगों से लिखकर ही बात करते हैं।