छेवला दुबे गांव की सरपंच ओमवती अठ्या ने बताया कि, ये कोई मेरा अपना निर्णय नहीं है, बल्कि पूरे गांव के लोगों की इसपर सेहमति है। बल्कि ये कहना सबसे सही होगा कि, गांव के लोगों ने ही ये तय किया है कि अब गांव में न तो शराब बेची जाएगी और न ही कोई शराब पीकर गांव में आ सकेगा। अगर भविष्य में कोई इस नियम को तोड़ता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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हर नुकसान का वजह है शराब
सरपंच ओमवती अठ्या ने ये भी बताया कि, इसे एक अभियान के तौर पर लिया जा रहा है और नशा मुक्त अभियान के लिए काम कर रहे भगवती मानव कल्याण संगठन के लोगों के मार्ग दर्शन में इस अभियान को गांवभर में सुचारू रखा जाएगा। सरपंच अठ्या के अनुसार, शराब के कारण कई जिंदगियां यूं ही बरबाद हो जाती हैं। लोग कर्जदार हो जाते हैं और उन्हें पता नहीं चल पाता। उन्होंने कहा कि, इससे स्वास्थ को तो नुकसान होता ही है, साथ ही सामाजिक हानि भी बहुत होती है। इसलिये गांव के लोगों के साथ मिलकर हमने ये फैसला लिया है कि, अब से छेवला दुबे गांव में शराब शब्द वर्जित है।
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थाना प्रभारी ने दिया आश्वासन
थाना प्रभारी प्रसीता कुर्मी के अनुसार, छेवला दुबे गांव के लोगों की ओर से की गई ये एक अच्छी पहल है। अपने गांव को नशा मुक्त करने के लिए पंचायत ने फैसला सराहनीय है, जिसके अनुसार अब से गांव में शराबखोरी नहीं होगी और न ही शराब बेची जा सकेगी। उन्होंने ग्रामीणों के इस फैसले का समर्थन करते हुए पूरा आश्वासन दिया कि जब भी गांव के लोगों को मदद की आवश्यक्ता होगी। थाना प्रभारी खुद अपनी टीम के साथ उनका सहयोग करने पहुंचेंगे।
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