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दमोह

चार परिवारों का कभी खत्म न होने वाली पीड़ा दे गया यह सड़क हादसा

शहर के शोभानगर में बुधवार को 8 शव एक घर से एक साथ जटाशंकर मुक्ति धाम ले जाए गए। रौंगटे खड़े करने वाली यह शवयात्रा मंगलवार को सड़क हादसे में मरने वालों की थी।

दमोहSep 27, 2024 / 11:24 am

pushpendra tiwari

दमोह. शहर के शोभानगर में बुधवार को 8 शव एक घर से एक साथ जटाशंकर मुक्ति धाम ले जाए गए। रौंगटे खड़े करने वाली यह शवयात्रा मंगलवार को सड़क हादसे में मरने वालों की थी। इधर, इसी हादसे में एक और युवक की मौत हुई, जिसका शव टॉकीज तिराहा से हटा नाका के मुक्तिधाम पहुंचा। बता दें कि हादसे को अंजाम देने वाले शराबी चालक ने जहां घटना को अंजाम देकर एक परिवार को पूरा खत्म कर दिया, तो तीन परिवारों को तहस नहस कर दिया।
१४ साल का किशोर अनाथ हुआ

ट्रक चालक ने जिस ऑटो रिक्शा को टक्कर मारी उसे आलोक गुप्ता चला रहा था, जिसकी हादसे में मौत हो गई। आलोक का एक १४ वर्षीय बेटा हर्ष है। साल भर पहले ही आलोक की पत्नी की मौत हो गई थी। इसके बाद बालक हर्ष का पालन पोषण पिता द्वारा ही किया जा रहा था। लेकिन हादसे ने १४ साल के बालक को अनाथ कर दिया। हालांकि बालक की बुजुर्ग दादी है।
दोनों जुड़वा बेटे और मां की मौत

हादसे का शिकार हुआ दूसरा परिवार राकेश गुप्ता का है। राकेश गुप्ता की पत्नी गायत्री और जुड़वा बेटों में महेंद्र ने मंगलवार को ही घटना स्थल पर दम तोड़ दिया था। वहीं मोहित को जबलपुर भेजा गया था, जहां बुधवार सुबह मोहित ने भी अंतिम सांस ली। इस तरह परिवार के तीन सदस्य मौत के घाट उतर गए।
राजेश का पूरा परिवार समाप्त हुआ

घटना ने एक परिवार को पूरा समाप्त कर दिया, जो राजेश गुप्ता का है। राजेश गुप्ता और उसकी बेटी साक्षी, बेटे शिवा की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी। वहीं पत्नी गीता को जबलपुर भेजा गया था, जहां इलाज मिलने से पहले ही पत्नी ने दम तोड़ दिया था। इस तरह यह पूरा परिवार ही हादसे की भेंट चढ़ गया।
पिता सहित तीन बेटियां हादसे की भेंट चढ़ीं

हादसे में प्रभावित होने वाला चौथा परिवार हीरालाल गुप्ता निवासी बिलासपुर का है, जो राजेश गुप्ता के ससुर थे। हीरालाल हादसे से ठीक एक दिन पहले ही श्राद्ध कार्यक्रम में शामिल होने राजेश गुप्ता के यहां बिलासपुर से आए थे। हीरालाल की तीन बेटियां थीं, जिनमें बड़ी बेटी गीता, जिसका विवाह राजेश से हुआ था। दूसरी बेटी गायत्री जिसका विवाह राकेश गुप्ता से हुआ था। वहीं तीसरी बेटी भारती भी साथ थी, जो हादसे में गंभीर होने की वजह से जबलपुर में इलाजरत है। बता दें कि हादसे में जीवित रहने वालों यह एक मात्र महिला है।
मुआवजा का मरहम

शवों के अंतिम संस्कार के दौरान काफी संख्या में लोग मुक्तिधाम पहुंचे। इनमें एसपी कलेक्टर भी मौजूद रहे। जिन्होंने मृतकों के परिजनों को ढांढस बंधाया। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी पीडि़तों को मुआवजा का मरहम ही दे सके।
हादसे से सबक के नाम पर खानापूर्ति

इस घटना के बाद प्रशासनिक अधिकारी नींद से जागे हैं। बुधवार को परिवहन अधिकारी क्षितिज सोनी ने शहर में एक दर्जन ओवर लोड वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई की। वैसे, तो इस जिम्मेदारी का पालन इन्हें आमतौर पर करना चाहिए, लेकिन घटना के बाद वास्तविक कार्रवाई को अमल में लाया गया। परिवहन अधिकारी ने बताया कि घटना कारित करने वाले ट्रक का पंजीयन भी निरस्त कर दिया गया है।

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