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दमोह

एमपी के इस शहर का बदला नक्शा, दोगुने से ज्यादा बढ़ गए गांवों की जमीन के दाम

map of damoh city changed due to the expansion मध्यप्रदेश में तेज विकास का असर शहरों पर भी पड़ रहा है। कई मझौले शहरों का दायरा बढ़ता जा रहा है।

दमोहDec 07, 2024 / 05:03 pm

deepak deewan

The map of the city changed due to the expansion of Damoh district headquarter

The map of the city changed due to the expansion of Damoh district headquarter

मध्यप्रदेश में तेज विकास का असर शहरों पर भी पड़ रहा है। कई मझौले शहरों का दायरा बढ़ता जा रहा है। इससे आसपास के गांवों पर भी खासा प्रभाव पड़ रहा है। यहां की जमीनें तेजी से महंगी होती जा रही हैं। कुछ ऐसा ही हाल दमोह का भी है।
शहर का दायरा 5 किमी तक बढ़ गया है जिससे दमोह का नक्शा ही बदल गया है। इससे गांवों में जमीनों के भाव उछाल मार रहे हैं। इन गांवों में पहले जहां जमीनें एकड़ के हिसाब से बिकती थीं वहीं अब वर्गफीट के हिसाब से बेची जा रही है। जमीन की कीमतों में दोगुने से ज्यादा का इजाफा हो चुका है।
दमोह शहर का दायरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। आसपास के अनेक गांव, शहर का हिस्सा बन चुके हैं। इससे शहर से सटे अन्य गांव में भी बदलाव साफ नजर आ रहा है। यहां खासतौर पर जमीनों के दामों में तेजी से उछाल आ रहा है।
दमोह जिला मुख्यालय का जिस तेजी से विस्तार हो रहा है, उससे शहर का नक्शा ही बदल गया है। बीते 5 सालों में शहर का दायरा करीब दोगुना बढ़ गया है। 5 से ढाई वर्ग किलोमीटर में पसरा शहर अब 5 वर्ग किलोमीटर में पसर चुका है।
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जिला मुख्यालय में आए इस भौगोलिक बदलाव के कारण आसपास के गांवों में शहरीकरण का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देने लगा है। दमोह के 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में जमीनों के दाम अब पहले के मुकाबले काफी महंगे हो चुके हैं। दाम बढऩे का एक बड़ा कारण आसपास के गांवों में तेजी से कॉलोनियां विकसित होना भी है। कई कॉलोनियां न सिर्फ विकसित हो चुकी हैं, बल्कि एक बड़ी आबादी इनमें निवास भी कर रही है। इससे लोगों का जमीन में निवेश की ओर रुझान बढ़ रहा है।
दरअसल, दमोह वासियों को उम्मीद है कि शहरीकरण के कारण रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। आगे चलकर आसपास जमीन मिलना मुश्किल हो जाएगी। यही कारण है कि लोग जमीन खरीदने आगे आ रहे हैं जिससे जमीन की कीमतें भी बढ़ रही हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि शहरी आबादी के दबाव और सुविधाओं की मांग के चलते जमीनों की कीमतें आसमान छुएंगी। शहर का यह तेजी से बढ़ता दायरा न केवल विकास का प्रतीक है, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच के फासले को भी कम कर रहा है।
इससे जमीनों की कीमतों में बड़ा उछाल देखा जा रहा है। पहले जिन गांव में जमीनें एकड़ के हिसाब से औने पौने दाम में बिक जाती थीं, उन्हीं गांव में अब जमीन के दाम मानो आसमान पर पहुंच गए हैं। दमोह के आसपास के गांवों में जमीनों की दर 2 हजार रुपए प्रति वर्गफीट की दर से शुरू होकर, 5 हजार रुपए प्रति वर्गफीट तक पहुंच चुकी है।

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