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बढ़ते साइबर अपराधों पर छात्र बोले, खुद भी सजग रहेंगे और लोगों को भी करेंगे जागरुक

दमोह. इन दिनों साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा हैं। साइबर ठग लोगों के बैंक खातों पर नजरें गढ़ाए हुए हैं। शहर में डिजिटल अरेस्ट का एक मामला भी सामने आ चुका है। हालांकि इस मामले में पीडि़त ठगी का शिकार होने से बच गया। इसी सिलसिले में पत्रिका रक्षा कवच अभियान चला रहा है।

दमोहDec 12, 2024 / 01:29 am

हामिद खान

दमोह. इन दिनों साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा हैं। साइबर ठग लोगों के बैंक खातों पर नजरें गढ़ाए हुए हैं। शहर में डिजिटल अरेस्ट का एक मामला भी सामने आ चुका है। हालांकि इस मामले में पीडि़त ठगी का शिकार होने से बच गया। इसी सिलसिले में पत्रिका रक्षा कवच अभियान चला रहा है।

दमोह. इन दिनों साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा हैं। साइबर ठग लोगों के बैंक खातों पर नजरें गढ़ाए हुए हैं। शहर में डिजिटल अरेस्ट का एक मामला भी सामने आ चुका है। हालांकि इस मामले में पीडि़त ठगी का शिकार होने से बच गया। इसी सिलसिले में पत्रिका रक्षा कवच अभियान चला रहा है।

-पत्रिका रक्षा कवच अभियान के तहत पीजी कॉलेज में हुआ जागरूकता कार्यक्रम

दमोह. इन दिनों साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा हैं। साइबर ठग लोगों के बैंक खातों पर नजरें गढ़ाए हुए हैं। शहर में डिजिटल अरेस्ट का एक मामला भी सामने आ चुका है। हालांकि इस मामले में पीडि़त ठगी का शिकार होने से बच गया। इसी सिलसिले में पत्रिका रक्षा कवच अभियान चला रहा है। इसके जरिए लोगों को साइबर अपराधों को लेकर जागरुक हो रहे हैं।
पत्रिका ने बुधवार को पीजी कॉलेज में अभियान चलाया, जहां सैकड़ों बच्चों के बीच पहुंचकर साइबर अपराधों के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने साइबर ठगी के संबंध में कई सवाल भी पूछे, साथ ही इस समस्या से निपटने का समाधान भी पूछा।
इस दौरान बताया गया कि विदेशों से आने वाले फोन न उठाएं। मोबाइल पर ओटीपी जैसी गोपनीय जानकारी साझां न करें। डिजिटल अरेस्ट जैसी स्थिति बनने पर तुरंत पुलिस की मदद लें। छात्रों को बताया गया कि मोबाइल पर ओटीपी के जरिए ठगी, वॉट्सएप कॉल के जरिए बेवकूफ बनाना, डिजिटल अरेस्ट क्या होता है और किस तरह से साइबर ठग लोगों को प्रताडि़त कर उनसे रुपए एंठते हैं आदि के जानकारी दी गई। सभी छात्रों को पत्रिका के अभियान के बारे में भी बताया गया। पत्रिका की खबरें पढऩे के बाद लोगों में जागरूकता आने की बात भी बताई गई। इधर, कुछ छात्रों ने बताया कि वॉट्सएप पर लिंक आती हैं, लेकिन अखबारों में सावधान रहने की बातें प्रकाशित किए जाने से लिंक नहीं खोलते हैं। दोस्तों व परिवार के अन्य सदस्यों को इसके प्रति जागरुक करते हैं। पत्रिका ने छात्रों को इस तरह की स्थिति में फंसने पर तुरंत पुलिस को सूचना देने पर जोर दिया।

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