दमोह. विवाह के बाद पत्नी का नाम समग्र आइडी में जुड़वाने जा रहे हैं, तो पहले नए नियम जान लीजिए। जिसमें समग्र आइडी के पहले मैरिज सर्टिफिकेट अनिवार्य हो गया है। स्पष्ट है कि सर्टिफिकेट नहीं तो पत्नी का नाम नहीं जुड़ेगा। जिससे बच्चों को एडमिशन नहीं मिलेगा। साथ ही शासन की अनेक योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा।
सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें होने वाली है, जिन्होंने विवाह के दो या तीन साल बाद भी अपनी पत्नी का नाम समग्र आइडी में नहीं जुड़वाया है, क्योंकि मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने की प्रक्रिया भी आसान नहीं है। इसमें पंडित, विवाह घर के सर्टिफिकेट के साथ-साथ शादी कार्ड, विवाह के फोटो जब जरूरी है। इसके अलावा प्रक्रिया भी काफी जटिल हो गई है। व्यवस्था प्रभारी का कहना है कि पोर्टल पर ही सर्टिफिकेट का ऑप्सन एड हो गया है, ऐसे में वह जरूरी हो गया है। यही वजह है कि इन दिनों मैरिज सर्टिफिकेट के आवेदन बढ़ गए है। बीते एक महीने में ७० से अधिक आवेदन दमोह नगरपालिका में पहुंचे है।
सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें होने वाली है, जिन्होंने विवाह के दो या तीन साल बाद भी अपनी पत्नी का नाम समग्र आइडी में नहीं जुड़वाया है, क्योंकि मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने की प्रक्रिया भी आसान नहीं है। इसमें पंडित, विवाह घर के सर्टिफिकेट के साथ-साथ शादी कार्ड, विवाह के फोटो जब जरूरी है। इसके अलावा प्रक्रिया भी काफी जटिल हो गई है। व्यवस्था प्रभारी का कहना है कि पोर्टल पर ही सर्टिफिकेट का ऑप्सन एड हो गया है, ऐसे में वह जरूरी हो गया है। यही वजह है कि इन दिनों मैरिज सर्टिफिकेट के आवेदन बढ़ गए है। बीते एक महीने में ७० से अधिक आवेदन दमोह नगरपालिका में पहुंचे है।
नए आदेश के बाद अब नगरपालिका में ऐसे आवेदकों की संख्या बढ़ गई हैं, जो कि आवेदन करने जो समग्र आइडी के लिए आ रहे हैं, लेकिन उन्हें मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना पड़ रहा है। इसके के लिए उन्हें काफी समय भी देना पड़ रहा है। नगरपालिका और लोकसेवा से होने वाली इस प्रक्रिया में महीने भर तक का समय लग रहा है। इतना ही नहीं वेरिफिकेशन के लिए पति-पत्नी का मौजूद रहना भी जरूरी किया गया है। कुल मिलाकर प्रक्रिया जटिल हो गई है।
नए आदेश के पहले तक विवाहिता के मायके क्षेत्र की नगरपालिका से एक एनओसी जारी होती थी। जिसमें उल्लेख रहता था कि संबंधित का विवाह इस जगह हो गया है। इस एनओसी को आधार पर नपा या जनपद में आवेदन हो जाता था और समग्र आइडी में पत्नी का नाम जुड़ जाता था।
समग्र आइडी कहां-कहां जरूरी
पीडीएस राशन के लिए स्कूल में बच्चों के एडमिशन के लिए आयुष्मान कार्ड के लिए पेंशन योजनाओं के लिए अनुग्रह राशि प्राप्त करने परिवार सहायता योजना के लिए भूमि के वेरिफिकेशन के लिए बीमा/ लोन आदि के लिए प्रसूती सहायता का लाभ आय/ निवास सहित अन्य प्रमाण पत्र बनवाने उज्जवला योजना/ लाड़ली बहना योजना लाभ
मैरिज सर्टिफिकेट के लिए ये दस्तावेज जरूरी
पति-पत्नी के दो आवेदन। शादी कार्ड दोनों पक्षों का। आयु प्रमाण पत्र, दोनों की। आधार कार्ड और परिचय पत्र दोनों के। जोड़े में दोनों की फोटो पासपोर्ट फोटो दोनों की।
समग्र आइडी दोनों की। विवाह स्थल का प्रमाण पत्र। पंडित का प्रमाण पत्र ५०-५० के दो स्टांप नोटरी सहित, लेट होने पर तीन। नगरपालिका के टेक्स की चुकता रशीद।
वर्शन
नए आदेश के बाद समग्र आइडी में यदि पत्नी का नाम जुड़वाना है, तो इसके लिए मैरिज सर्टिफिकेट को अब अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बाद ही समग्र आइडी में नाम जोडऩे की प्रोसेस हो सकती है।
प्रदीप शर्मा, सीएमओ नगरपालिका दमोह
वर्शन
नए आदेश के बाद समग्र आइडी में यदि पत्नी का नाम जुड़वाना है, तो इसके लिए मैरिज सर्टिफिकेट को अब अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बाद ही समग्र आइडी में नाम जोडऩे की प्रोसेस हो सकती है।
प्रदीप शर्मा, सीएमओ नगरपालिका दमोह