CG Alert: फर्जी ट्रेडिंग ऐप, लोन ऐप, गेमिंग ऐप, डेटिंग ऐप आदि जैसे मोबाइल ऐप्स डाउनलोड करने वाले आसानी से ऑनलाइन ठगी के शिकार हो रहे हैं। इसके लिए साइबर ठग इंटरनेट लिंक भेजते हैं। यह लिंक गूगल प्ले स्टोर का नहीं होता है, बल्कि उससे मिलते-जुलते नाम का होता है। इस कारण अधिकांश लोग गूगल प्लेस्टोर मानकर ऐप डाउनलोड कर लेते हैं। फिर उसी ऐप के जरिए साइबर ठग मोबाइल का डेटा एक्सेस कर लेते हैं।
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Online Fraud: शेयर के नाम पर ठगी
वर्तमान में साइबर ठग शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ज्यादा झांसा दे रहे हैं। इसके लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सऐप, टेलीग्राम आदि सोशल मीडिया ग्रुप का इस्तेमाल कर रहे हैं। शेयर बाजार में निवेश करने पर भारी मुनाफा दिलाने का दावा करते हुए तरह-तरह के मैसेज भेज रहे हैं। उसमें अपना नंबर देते हैं। जैसे उन मोबाइल नंबरों पर कोई कॉल करता है, तो उन्हें वाट्सऐप या टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ते हैं। उस ग्रुप में कई मेंबर होते हैं। एक-दो साइबर ठग मेंटर बनकर सक्रिय रहते हैं और शेयर ट्रेडिंग करने के लिए उकसाते हैं। फिर मोबाइल ऐप डाउनलोड कराकर पैसा निवेश कराते हैं।गेमिंग-डेटिंग के चक्कर भी
शेयर ट्रेडिंग के अलावा कई गेमिंग और डेटिंग ऐप भी ऑनलाइन ठगी का बड़ा जरिया है। खासकर किशोर और युवा वर्ग गेमिंग और डेटिंग ऐप के चक्कर में ज्यादा ऑनलाइन ठगी के शिकार हो रहे हैं। आरबीआई के मुताबिक 2023-24 में फ्रॉड के मामले 166 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 36 हजार से भी ज्यादा रहे हैं।तत्काल करें शिकायत
रेंज साइबर थाना प्रभारी मनोज नायक का कहना है कि किसी भी तरह की ऑनलाइन ठगी होने पर तत्काल शिकायत करना चाहिए। रेंज साइबर थाना में साइबर ठगी से जुड़े मामलों की जांच के लिए अलग टीम रहती है। इस तरह के मामलों पर एफआईआर करके तत्काल एक्शन लिया जाता है। कई लोग ऑनलाइन ठगी की शिकायत देरी से करते हैं, जिससे ठगी की राशि को होल्ड कराने में दिक्कत होती है। केस-1: टाटीबंध के राहुल सिंह फेसबुक में शेयर ट्रेडिंग से मुनाफा का विज्ञापन देखकर एक वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ गए। ग्रुप में शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने वाले मैसेज आते थे। इसके बाद ग्रुप के एडमिन ने राहुल को निवेश कराने के लिए एक मोबाइल ऐप डाउनलोड कराया। राहुल ने ऐप डाउनलोड किया। उसी के जरिए साइबर ठगों ने राहुल से 18 लाख से अधिक ठग लिया।
केस-2: यूपी की महिला आईटी इंजीनियर अपने काम के सिलसिले में रायपुर आई थी। इस दौरान सोशल मीडिया में शेयर मार्केट से भारी मुनाफा वाले विज्ञापन देखकर ठगों के बताए वाट्सऐप ग्रुप में जुड़ गई। इसके बाद उन्हें एक मोबाइल ऐप डाउनलोड कराया गया। इसी ऐप के जरिए उनसे लाखों रुपए निवेश कराया गया। फिर 88 लाख रुपए ठग लिया गया।