दिल्ली पुलिस ने ये बयान मंगलवार देर रात दिया है। दिलली पुलिस के एडिशनल पीआरओ अनिल मित्तल ने कहा है कि पीड़िता के परिजन धरने पर नहीं बैठना चाहते थे, लेकिन विभन्न संगठनों ने उन्हें बैठने के लिए दबाव बनाया।
अब मंडराया चीन के दूसरे वायरस का खतरा, आईसीएमआर ने कैट क्यू वायरस को लेकर सरकार को किया अलर्ट हाथरस गैंगरेप मामले में दिल्ली पुलिस ने देर रात बड़ा दावा किया है। दिल्ली पुलिस के एडिशनल पीआरओ अनिल मित्तल ने कहा है कि पीड़िता के परिजनों को विभिन्न संगठनों ने धरने पर बैठने के लिए दबाव बनाया। हालांकि ये मामला यूपी प्रशासन से संबंधित है, ऐसे में प्रदर्शनकारी यूपी प्रशासन से चाहते थे कि मामले में न्याय हो और आरोपियों को सख्त सजा मिले।
हाथरस कलेक्टर ने खुद इस मसले को लेकर पीड़िता के परिजनों से बात की। यही नहीं उन्हें न्याय का दिलाने का आश्वासन भी दिया। इस आश्वासन के बाद परिजन प्रशासन के अधिकारियों के साथ रवाना हो गए।
दिल्ली से हाथरस तक आक्रोश
दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में पीड़िता की मौत के बाद दिल्ली से लेकर लखनऊ और हाथरस तक आक्रोश दिखा। दिल्ली में जेएनयू के छात्रों ने जेएनयू परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और मोमबत्ती जलाकर विरोध जताते हुए नारेबाजी भी की।
दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में पीड़िता की मौत के बाद दिल्ली से लेकर लखनऊ और हाथरस तक आक्रोश दिखा। दिल्ली में जेएनयू के छात्रों ने जेएनयू परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और मोमबत्ती जलाकर विरोध जताते हुए नारेबाजी भी की।
छात्रों ने कहा कि दुष्कर्म के बाद हत्या का यह पहला मामला नहीं है। 2012 में भी हम यह देख चुके हैं। सरकार बड़े बड़े दावे और वादे करती है लेकिन महिलाओं की सुरक्षा अब भी खतरे में ही है।
उत्तर प्रदेश में महिलाओं पर हिंसा की दर लगातार बढ़ रही है। इस प्रदर्शन में छात्राओं ने भी हिस्सा लिया। जेएनयू के छात्रों ने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू में हुई कोरोना संक्रमण की पुष्टि, जानें फिर क्या उठाया कदम
आपको बता दें कि मंगलवार देररात ही पीड़िता का शव यूपी पुलिस गांव लेकर आई। गांववाले और युवती के परिजन लाख मिन्नतें करते रहे लेकिन विरोध के बीच यूपी पुलिस ने रातोंरात ही युवती का अंतिम संस्कार कर दिया।