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पुलिस के अनुसार घटना वाले दिन यानी 30 जून को सुबह से ही ललित में परिवर्तन दिखाई देने लगा था। सुबह को घर पर स्थित ललित की फर्नीचर की दुकान खुली थी। ललित दुकान में ही मौजूद था, लेकिन उसकी बेचैनी साफ नजर आ रही थी। यही वजह था कि ललित दुकान पर जमकर नहीं बैठ पा रहा था। थोड़ी-थोड़ी देर में वह दुकान के बाहर-भीतर आ-जा रहा था। यहां चौंकाने वाली बात यह है कि इस बीच ललित अपना मोबाइल रिचार्ज कराने के लिए मोबाइल की दुकान पर पहुंचा। इस बारे में जब मोबाइल शॉप आॅनर से बातचीत की गई तो उसने बताया ललित ने अपने नंबर पर 500 रुपए का रिचार्ज कराया था और 4 से 5 हजार रुपए का रिचार्ज अन्य नंबरों पर कराने की बात कही थी।
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मोबाइल रिचार्ज कराने के बाद ललित वापस अपनी दुकान पर पहुंचा, लेकिन उसकी बेचैनी पहले जैसी ही बनी रही। फुटेज से पता चला कि घटना वाले पूरे दिन ललित मोबाइल शॉप के अलावा कहीं और नहीं गया। पुलिस के अनुसार ललित के फुटेज देखकर लग रहा था कि जैसे उसके दिमाग में कोई योजना चल रही हो।