32 वर्षीय मसाबा ने बताया कि उन्होंने यह फैसला अचानक नहीं लिया है बल्कि काफी समय से इसके बाद में सोच रहे थे और जब उनकी टीम अच्छी प्रदर्शन नहीं कर पाए तो उन्होंने अपने वर्ल्ड कप अभियान के खत्म होने के बाद यह फैसला लेने का सही समय समझा। उन्होंने, ‘मैं पिछले लंबे समय से इसके बारे में सोच रहा था। युगांडा क्रिकेट टीम की कप्तानी करना मेरे लिए सम्मानजनक बात रही। पिछले 5 सालों से मैं युगांडा की अगुवाई कर रहा था। कप्तान रहते हुए मैंने काफी विकास किया। इस दौरान मैंने लीडरशिप सीखी, जो जीवन भर मेरे काम आएगी।’