2008 के वाकये को याद कर भावुक हुए
सचिन ने इस दौरान 2008 के एक वाकये को भी याद किया। सचिन ने लिखा, 26 दिसंबर 2011 में मुंबई में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच जीता था। यह पूरे देश के लिए एक भावुक पल था। उन पहले लोगों में से एक, जिनके साथ मैं इस भावना को बांटने में सक्षम था, वो एक महिला ग्राउंड स्टाफ सदस्य थी। वो पल मेरे लिए बेहद खास था।
फिर एक खास पल है…
सचिन ने आगे लिखा, काफी सालों बाद फिर एक खास पल आया है और 2024 में जैंसिथा कल्याण देश की पहली महिला क्यूरेटर बनीं हैं। मुझे उम्मीद है कि उनके नक्शेकदम पर चलते हुए भविष्य में और भी महिलाएं इस क्षेत्र में आएंगी।
आइए, इनकी हौसलाअफजाई करें
महान बल्लेबाज ने आगे लिखा, इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर, आइए हम इन रोल मॉडलों को प्रोत्साहित करें और उनकी सराहना करें जो सभी क्षेत्रों में बाधाओं को तोडऩा और उदाहरण स्थापित करना जारी रखती हैं।
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रिसेप्शनिस्ट से पिच क्यूरेटर तक का सफर
49 वर्षीय जैसिंथा बेंगलुरु से 80 किलोमीटर दूर गांव हरोबेल की रहने वाली हैं। वह चिन्नास्वामी स्टेडियम में कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) कार्यालय में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करती थीं। वह पिछले 30 सालों से केएससीए के लिए काम कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने रिसेप्शनिस्ट से लेकर प्रशासन, अकाउंट्स और पिच तैयार करने तक की भूमिका निभाई। उन्होंने हाल ही में महिला प्रीमियर लीग टी-20 मैचों के लिए पिच तैयार कीं।
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