बता दें कि 2018 में हसीन जहां ने 10 लाख रुपये के मासिक गुजारा भत्ता की मांग करते हुए अदालत में एक मुकदमा दायर किया था। हसीन जहां ने 7 लाख रुपये अपने लिए व्यक्तिगत गुजारा भत्ता और शेष 3 लाख रुपये बेटी के रखरखाव में खर्च के लिए मांगे थे।
हसीन जहां की वकील मृगांका मिस्त्री ने अदालत को सूचित किया कि 2020-21 के लिए मोहम्मद शमी के आयकर रिटर्न के अनुसार उनकी वार्षिक आय 7 करोड़ रुपये से अधिक थी और उसी के आधार पर मासिक आय की मांग की। 10 लाख रुपये का गुजारा भत्ता अनुचित नहीं था।
10 लाख भत्ता मांगने पर शमी के वकील ने दिया था ये तर्क
वहीं, मोहम्मद शमी के वकील सेलिम रहमान ने दावा किया कि हसीन जहां खुद एक पेशेवर फैशन मॉडल के रूप में काम करके एक स्थिर आय स्रोत बना रही थीं, इसलिए उस उच्च गुजारा भत्ता की मांग उचित नहीं थी। आखिरकार निचली अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को मासिक गुजारा भत्ता की राशि 1.30 लाख रुपये तय कर दिया।
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हसीन जहां ने गुजारा भत्ते को बताया कम
अदालत के आदेश के बाद हसीन जहां ने कहा कि मासिक गुजारा भत्ता की राशि अधिक होने पर उन्हें राहत मिलती। हालांकि अभी तक इस मामले में भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वह फिलहाल इंदौर में टीम इंडिया का हिस्सा हैं। आज मंगलवार को उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच खेलना है।
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