हर प्रारूप में कामयाब होने के लिए यह जोड़ी अहम
वीवीएस लक्ष्मण ने कहा कि अगर टीम इंडिया क्रिकेट के हर प्रारूप में कामयाब होना चाहती है तो हमारे लिए यह साझेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें इस साझेदारी में टीम इंडिया के वर्तमान कप्तान को भी जोड़ा। बोले, हर कोई अहम है। टीम के कप्तान, एनसीए प्रमुख और बीसीसीआई अध्यक्ष।
गांगुली और द्रविड़ ने किया था एक ही दिन डेब्यू
यह भी एक संयोग ही है कि बीसीसीआई में एक साथ काम कर रहे सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ दोनों ने एक साथ टीम इंडिया की टेस्ट टीम में पदार्पण किया था। भारत के महानतम कप्तानों में गिने जाने वाले सौरव गांगुली और भरोसेमंद बल्लेबाजों में से एक राहुल द्रविड़ दोनों ने 20 जून 1996 को इंग्लैंड दौरे पर एक ही टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान से अपना सफन शुरू करने वाले इन दोनों दिग्गजों ने पहले टेस्ट में ही शानदार बल्लेबाजी की थी। गांगुली ने जहां शतक लगाया था तो द्रविड़ पांच रन से शतक से चूक गए थे।
गांगुली को द्रविड़ के शतक से चूकने से हुई थी निराशा
गांगुली ने इस मैच में 301 गेंदों पर 131 रन बनाए थे। की शतकीय पारी खेली थी। वहीं द्रविड़ ने 267 गेंदों पर 95 रन की पारी खेली थी। इस मैच को याद करते हुए गांगुली ने बताया था कि जिस समय द्रविड़ बल्लेबाजी के लिए आए थे वह, 70 रन बना चुके थे। उन्हें अब भी याद है कि उन्होंने प्वाइंट पर कवर ड्राइव लगाकर जब अपना शतक पूरा किया था, तब द्रविड़ दूसरे छोर पर थे। गांगुली ने बताया कि वह 131 रन बनाकर चायकाल के एक घंटे बाद आउट हो गए थे, लेकिन द्रविड़ ने अपनी पारी जारी रखी थी। अगली सुबह वह लॉर्ड्स की बालकरनी में इस उम्मीद के साथ मैच देख रहे थे द्रविड़ अपना शतक पूरा करेंगे, लेकिन वह महज पांच रन से अपने शतक से चूक गए।