भारत नहीं था खिताबी जीत का दावेदार
टी20 वर्ल्ड कप 2007 में साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और श्रीलंका की टीमें बड़ी दावेदार थीं। भारत और पाकिस्तान के बड़े खिलाड़ियों के नाम वापस लेने थे इन टीमों को सेमीफाइनल तक भी नहीं देखा जा रहा था। हालांकि पहले दौर को पार करने में टीम इंडिया सफल रही लेकिन 17 सितंबर 2007 को सुपर 4 के पहले मुकाबले में ही टीम इंडिया न्यूजीलैंड से हार गई। अगले दौर में पहुंचने के लिए टीम को दोनों मैच बड़े अंतर से जीतने थे। टीम का दूसरा मुकाबला इंग्लैंड और आखिरी मुकाबला साउथ अफ्रीका से था। साउथ अफ्रीकी टीम में उस समय, हर्शल गिब्स, ग्रीम स्मिथ, मार्क बाउचर, एबी डीविलियर्स और जस्टिन कैंप जैसे धुरंधर बल्लेबाज थे। गेंदबाजी आक्रमण को मोर्ने मॉर्कल, मखाया एनटिनी, एल्बी मॉर्कलऔर शॉन पॉलॉक जैसे खतरनाक गेंदबाज थे। न्यूजीलैंड से हारने के बाद भारत ने इंग्लैंड को हरा दिया। युवराज सिंह के 6 छक्के और सबसे तेज अर्धशतक ने भारत की उम्मीदों के जिंदा रखा। अब सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए साउथ अफ्रीका के सामने भारत के समीकरण साफ थे। टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 153 रन बनाए।
रोहित शर्मा ने जड़ा था पहला अर्धशतक
वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, रॉबिन उथप्पा और दिनेश कार्तिक फ्लॉप होने के बाद रोहित शर्मा नाम का बल्लेबाज क्रीज पर उतरा, जिसके बारे में शायद ही दुनिया ने कभी सुना हो। तब 20 साल के इस बल्लेबाज ने कप्तान एमएस धोनी के साथ मिलकर बेहतरी साझेदारी निभाई और टीम को 150 के पार पहुंचाया। उन्होंने पारी की आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर अपना पहला अर्धशतक भी पूरा किया। रोहित ने इस मैच में 7 चौके और 2 छक्कों की मदद से नाबाद 50 रन की पारी खेली। इसके बाद भारतीय गेंदबाजों और फील्डर्स ने कमाल का प्रदर्शन किया और इतिहास रच दिया। इस दौरान दिनेश कार्तिक ने ग्रीम स्मिथ का अविश्वसनीय कैच लेकर सनसनी मचाई तो कुछ ही देर बाद रोहित शर्मा ने जस्टिन कैंप को रनआउट कर मैच का रुख मोड़ दिया था। इसके बाद अफ्रीकी टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और पूरी टीम 116 रन पर ढेर हो गई। साउथ अफ्रीका को कम से कम सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए इस मैच में 128 रन बनाने थे लेकिन ऐसा हो नहीं सका और टीम वर्ल्ड कप से बाहर हो गई।