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BCCI के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी का हर्ट अटैक से निधन, कल JSCA स्टेडियम में लहराया था तिरंगा

JSCA के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी का 62 साल ही उम्र में हर्ट अटैक से निधन हो गया है। उनके निधन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके निधन पर दुख जाहिर किया है। इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स से आईपीएस और फिर बीसीसीआई अध्यक्ष तक का सफर तय करने वाले अमिताभ चौधरी किसी पहचान के मुहताज नहीं रहे हैं।

Aug 16, 2022 / 12:21 pm

Siddharth Rai

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Amitabh Choudhary Passed Away: भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष और झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी का मंगलवार सुबह निधन हो गया। 62 वर्षीय अमिताभ सुबह घर में पूजा कर रहे थे, तब उन्हें हार्ट अटैक आया। उन्हें तत्काल रांची के सैंटेविटा हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वह झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद से दो माह पहले सेवानिवृत्त हुए थे।

पूर्व आईपीएस मूलरूप से बिहार के दरभंगा जिले के मनीगाछी के बाथो गांव के रहने वाले थे। अमिताभ चौधरी बीसीसीआई में अहम भूमिका निभा चुके हैं। वे कार्यकारी सचिव के पद पर रहे हैं। उन्हें साल 2020 में झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (JPSC) का चेयरमैन भी बनाया गया था। झारखंड के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारियों में शुमार अमिताभ ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जेएससीए स्टेडियम में तिरंगा लहराया था। रांची का जेएससीए स्टेडियम बनवाने में उनका सबसे अहम योगदान माना जाता है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके निधन पर शोक जताया है। सोरेन ने दुख जाहिर करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘JPSC के पूर्व अध्यक्ष श्री अमिताभ चौधरी जी के आकस्मिक निधन की दुःखद खबर मिली। पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ जी ने राज्य में क्रिकेट के खेल को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोक संतप्त परिवार को दुःख की घड़ी सहन करने की शक्ति दे।’

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2002 में वह बीसीसीआई के सदस्य बने। 2005 में झारखंड के तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो को हरा कर वह झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) के अध्यक्ष बने। इसके बाद 2005 से लेकर 2009 तक वह क्रिकेट टीम इंडिया के मैनेजर भी रहे।

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2013 में उन्होंने आईपीएस की नौकरी से वीआरएस ले ली। 2014 में अमिताभ ने राजनीति में कदम रखा। भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर अमिताभ ने बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम से रांची लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। हालांकि, वह चुनाव नहीं जीत सके। इसके बाद वह बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए थे। साथ ही आईसीसी बोर्ड में भारत के नियुक्त प्रतिनिधि के तौर पर भी काम किया।

1985 में आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद वह यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद बिहार कैडर के आईपीएस बने थे। झारखंड अलग राज्य बनने के बाद उन्हें झारखंड कैडर मिला। झारखंड में आईपीएस के रूप में वह चर्चित अधिकारी रहे। रांची के एसएसपी के रूप में उनके कार्यकाल को बेमिसाल उपलब्धियों के लिए जाना जाता है। उन्होंने दो बड़े गैंगस्टर सुरेंद्र बंगाली और अनिल शर्मा को गिरफ्तार किया था।

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उनकी अगुवाई में रांची में दो कुख्यात अपराधी एनकाउंटर में मारे गए थे। जेपीएससी के चेयरमैन के तौर पर सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट रिकॉर्ड समय में जारी करने का श्रेय भी उनके नाम रहा। उनकी पत्नी अमिताभ निर्मला चौधरी भी आईपीएस रही हैं। परिवार में पत्नी के अलावा एक पुत्र और पुत्री है।

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