दो बार राहुल कस्वां और चार बार उनके पिता रामसिंह कस्वां चूरू लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं। भाजपा नेतृत्व ने चूरू संसदीय निर्वाचन क्षेत्र ( Churu Lok Sabha constituency ) से सांसद राहुल कस्वां के स्थान पर देवेन्द्र झाझड़िया को टिकट देकर चौंकाया।
हालांकि देवेन्द्र झाझड़िया की सदस्यता को देखते हुए लोग उनके भाजपा की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे। शनिवार को दिल्ली में हुई बैठक के बाद भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व ने आखिरकार उनका नाम मोहर लगा दी।
राजनीति में पहली पारी शुरू करनेवाले पैरा ओलम्पिक खिलाड़ीए पद्मभूषण देवेन्द्र झाझड़िया ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़े हैं। राजगढ़ तहसील के गांव झाझड़िया की ढाणी रतनपुरा के देवेन्द्र की माने तो वे भाजपा की विचारधारा और संघ की पृष्ठभूमि से जुड़े हैं। राजनीति सफर शुरू करने से पूर्व उन्होंने चूरू में अभी बीते वर्ष दिसम्बर में हुई राज्यस्तरीय पैरा एथलीट प्रतियोगिता आयोजित करवाई।
उस समय उन्होंने राजनीति में आने के संकेत तो दिए लेकिन वे फूंक- फूंक कर कदम रखते हुए आगे बढ़ रहे थे। पीएम भी देवेन्द्र झाझड़ियां के खेल कौशल की सराहना कर चुके है। इसलिए माना जा रहा था कि वे चूरू से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन बातचीत के दौरान वे अपने कथन को समय पर छोड़ रहे थे।
अभी चार रोज पहले राजगढ़ में सतीश पूनियां के घर हुए स्वागत कार्यक्रम में देवेन्द्र ने दूसरी पारी की शुरुआत करने की बात की तो क्षेत्र में उनके नाम की चर्चा जोरों से चली।
लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा नेतृत्व ने युवा राहुल कस्वां को टिकट देकर चौकाया था। पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां की जगह उनके पुत्र राहुल पर भाजपा ने दाव खेला और वे पहली बार सांसद बनें। 2019 में भाजपा ने फिर राहुल को मैदान में उतारा और वे रेकॉर्ड मतों से चुनाव जीते। 2024 में होनेवाले लोकसभा चुनाव में चूरू संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से पैरा ओलम्पिक खिलाड़ी देवेन्द्र झाझड़िया पर दांव खेला है।