भर्ती मरीजों को भी होती है परेशानी वहीं भर्ती मरीजों के लिए अलग से दवा वितरण केन्द्र नहीं होने से मरीजों के परिजनों को दवा लेने के लिए कतार में लगना पड़ता है और एक से डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में सुबह कई बार चिकित्सकों के राउंड के समय वे दवा नहीं ले पाते हैं। लेकिन अस्पताल प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। अस्पताल प्रबंधन की ढिलाई मरीजों पर दिनो-दिन भारी पड़ रही है।
दवा लेने के लिए लंबा इंतजार वहीं अस्पताल प्रशासन की अनदेखी के कारण नेत्र, ईएनटी व त्वचा रोग विभाग में मरीजों को दवा लेने के लिए कम से कम एक घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। लेकिन अस्पताल प्रशासन यहां पर दवा वितरण केन्द्र की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है। यहां प्रतिदिन छह सौ या इससे अधिक ओपीडी रहती है। फिर भी एक ही दवा वितरण काउंटर से काम चलाया जा रहा है। मरीजों का अधिक भार होने के कारण वहां कार्यरत फर्मासिस्ट को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन प्रशासन फर्मासिस्टों की नई भर्ती नहीं कर रहा।