इस मामले में तीन अन्य लोगों को इस मामले में नामजद कर लिया है। वहीं आरोपी की गिरफ्तारी के बाद इस मामले को लेकर चल रहा विरोध प्रदर्शन भी शांत हो गया है। विरोध कर रहे संगठनों ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर आरोपी को कड़ी सजा दिलवाने के साथ गिरफ्तारी पर पुलिस का आभार भी जताया है। पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि आरोपी बड़ावर गांव का निवासी पिंटू कड़वा उर्फ पवन जाट है।
फोन पर बात नहीं की तो फांदी दीवार
वारदात के बाद आरोपी रात में अपने घर में ही रहा। नौवीं कक्षा तक पढ़े लिखा पिंटू कड़वा किक्रेट खेलता है। सुजानगढ़, लाडनूं, सालासर, छापर, बीदासर सहित आसपास के गांवों में क्रिकेट ट्रॉफी में अपनी टीम के साथ भाग लिया है। पूछताछ में आरोपी ने बताया है कि क्रिकेट खेलने के दौरान एएनएम एक बार उसकी तरफ देखकर मुस्कुराकर चली गई थी। इसके बार दो बार उसके मोबाइल पर फोन किया। लेकिन एनएनएम ने उससे फोन पर बात करने से मना कर दिया। ऐसे में रात को उसने पहले बीयर पी फिर दीवार फांदकर क्वार्टर में घुस गया और वारदात को अंजाम दिया।पुलिस ने खंगाले एक हजार सीसीटीवी
वारदात के बाद आरोपी ने भागते समय सिम निकाल कर अपना मोबाइल किसी को सौंप दिया था। ऐसे में पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ही उसकी तलाश में जुटी थी। थानाधिकारी सुखराम चोटिया ने बताया कि पुलिस ने दिन-रात लगातार मेहनत कर करीब एक हजार सीसीटीवी के फुटेज देखे और पुलिस की अलग-अलग टीमों ने शिमला तक उसका पीछा किया। वारदात के दूसरे दिन सुबह आठ बजे ही आरोपी पिंटू को पता चल गया था कि उसका मामला पुलिस में पहुंच गया है। अस्पताल के एक कर्मचारी ने उसके पिता को फोन कर इसकी जानकारी दी। बाद में आरोपी ने भी उस कर्मचारी से फोन पर बात की। इसके बाद आरोपी ने मलसीसर निवासी हनुमान जांगिड़ नाम के परिचित को फोन कर उसकी बाइक मंगवाई। उसके साथ मसीसर गांव आया। उसके बाद मामा के बेटे संपत ढुकिया से बाइक लेने उसके घर गया। बाद में दोस्त विक्रम पूनिया से सम्पर्क कर वारदात की जानकारी दी। बाद में मलसीसर से रींगण गांव क्रिकेट खेलने के लिए गया। लेकिन अब पुलिस के पीछा करने की जानकारी मिली तो उसने क्रिकेट का मैच खेलने से मना कर दिया।
जयपुर में नहीं मिली पनाह तो वापस आया सीकर
जयपुर में आरोपी अपने परिचित राघवेन्द्र के पास गया। रात में वह उसके पास रूका, लेकिन सुबह जैसे ही उसके कारनामे की उसे जानकारी मिली तो उसने वहां से भगा दिया। ऐसे में रात के समय वह वापस सीकर आ गया और यहां रेलवे स्टेशन पर सो गया। सीकर में अपने परिचित अरविंद नेहरा के दोस्त निकू नेहरा से तीन हजार रुपए लिए। इसके बाद झुंझुनूं होते हुए चंडीगढ़ चला गया। चंडीगढ़ से वापस सीकर आया। बाद में गांव के आसपास एक खेत में रात के समय सो गया। इसी बीच पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।यह रहे शामिल
थाना अधिकारी सुखराम चोटिया , एएसआई तन सुखराम नेण, एचसी राजू सिंह ,सिपाही दोलाराम, प्रेमाराम, यशपाल, मेघाराम, धनाराम , डीएसटी उप निरीक्षक वीरेंद्र कुमार, हेड कांस्टेबल भागीरथ राम साइबर शाखा शामिल रहे। तनसुख राम एएसआई की भूमिका विशेष रही।बलात्कारी का सहयोग करते रहे परिचित
वारदात की जानकारी के बावजूद परिचित उसका सहयोग करते रहे। आरोपी ने अपने ममेरे भाई संपत को वारदात की पूरी जानकारी दे दी। साथ ही कुछ समय छिपने के लिए जगह का इंतजाम करने के लिए कहा। ऐसे में संपत ने अपने मित्र नरेश कुमार बैंदा निवासी रिडलमास को बाइक लेकर बुलाया। नरेश व उसके एक अन्य साथी के साथ वह मीठडी गांव पहुंचा।इसके बाद नरेश ने अपने किसी परिचित के पास सीकर शहर में रहने की व्यवस्था करने के लिए कहा। इसके बाद संपत व नरेश आरोपी को गनेड़ी गांव लेकर गए। वहां से सीकर के लिए बस में बैठा दिया। वे दोनों उसकी व्यवस्था करने के लिए बाइक पर सीकर आए। सीकर में बजरंग कांटा के पास वे दोनों अपने परिचित पवन जांगिड़ के पास ले गए। लेकिन पवन ने उसे वहां रखने से मना कर दिया। ऐसे में दोनों ने उसे जयपुर की बस में बैठा दिया।