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प्रदेश में अब से रमसा संभालेगा शिक्षा की कमान

33 जिलों में होगा रमसा-एसएसए का एकीकरण

चूरूJun 01, 2018 / 10:59 am

Rakesh gotam

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चूरू.

राज्य में माध्यमिक व प्राथमिक शिक्षा की गतिविधियों के संचालन की कमान संभाल रहे राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) व सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) अब इतिहास के पन्नों में
सिमट जाएंगे। newsशिक्षा के ढांचे में सुधार के लिए राज्य के 33 जिलों में इनका एकीकरण किया जाएगा। इसके अलावा इसमें टीचर एजुकेशन को भी जोड़ा जाएगा।इसके लिए हाल ही में हुई बैठक में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश जारी कर दिए हैं। निर्देशों की पालना में राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के विशिष्ट शासन सचिव अशफाक हुसैन ने आदेश जारी कर दिए हैं। ऐसे में स्कूलों का एकीकरण कर चुकी राज्य सरकार अब रमसा व एसएसए का एकीकरण करेगी। इस नई व्यवस्था को समग्र शिक्षा अभियान (समसा) नाम दिया गया है।जिसका संचालन सिंगल स्टेट इम्पलीमेंशन सोसायटी (सिस) के माध्यम से किया जाएगा। अब कक्षा एक से 12 तक की शिक्षा के लिए संचालित योजनाओं के निर्माण, क्रियान्वयन व मोनेटरिंग का काम रमसा व एसएसए के माध्यम से अलग-अलग ना होकर समसा के माध्यम से एक ही अभियान के तहत होगा।
फिलहाल ये व्यवस्था
वर्तमान में राज्य में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के संचालन के लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद है। इसी प्रकार सर्व शिक्षा अभियान (एसएस ए) के संचालन के लिए राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद संचालित है। राज्य में माध्यमिक शिक्षा परिषद (कक्षा नौसे 12) तथा राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद (कक्षा एक से आठ) से संबंधित योजनाओं के निर्माण, क्रियान्वयन व मोनेटरिंग का काम कर रही है।
16 साल पहले उदय हुआ एसएसए का
राज्य में प्रारंभिक शिक्षा के ढांचे में सुधार के लिए 16 वर्षपहले वर्ष2002-03 में सर्व शिक्षा अभियान की गठन किया गया था। बाद में इसी की तर्जपर माध्यमिक शिक्षा के लिए नौ साल पहले यानि वर्ष 2009-10 में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान रमसा का गठन किया गया था।जिन्हें अब एक किया जा रहा है।
ये होगा फायदा
-कक्षा एक से 12 तक की शिक्षा का संचालन एक ही कार्यकारी एजेंसी के माध्यम से होने से योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से होगा।
-शैक्षणिक सुधार के लिए लागू की जाने वाली योजनाओं पर लागत कम आएगी।
-माध्यमिक व प्रारंभिक शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों व आमजन के काम एक ही छत के नीचे हो सकेंगे।
-मानव संसाधान विकास ंमंत्रालय की ओर से शिक्षा के विकास के लिए पहले से अधिक बजट मिलेगा।
-अनेक पदों में कटौती होने से कर्मचारी दूसरे कामों में नियोजित किए जा सकेंगे।
इनका कहना
रमसा व एसएसए तथा टीचर एज्यूकेशन के एकीकरण के आदेश जारी हो चुके हैं।अब आगामी दिनों में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा की गतिविधियों का संचालन समसा के माध्यम से होगा।
-गोविंदसिंह राठौड़, एडीपीसी रमसा, चूरू

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