चूरू में 13 मिलीमीटर बरसात
मौसम विभाग के अनुसार चूरू में मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 13 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई। जिला मुख्यालय पर स्थानीय लोहिया कॉलेज के सामने मुख्य सड़क मार्ग में बरसाती पानी एकत्रित होने से लोगों को परेशानी हुई तथा रात के समय बिजली गुल होने के कारण आवाजाही करने वाले लोगों को सावधानी के साथ मार्ग तय करना पड़ा। शहर के सुभाष चौक क्षेत्र का मुख्य मार्ग जलमग्न हो गया तथा जोहरी सागर तक भरे बरसाती पानी के कारण यह मार्ग बंद रहा। झारिया मोरी मार्ग, चांदनी चौक, नेत्र चिकित्सालय के सामने पंखा रोड़ मार्ग पर बरसाती पानी एकित्रत रहा। हालांकि सुबह तक मार्गो से बरसाती पानी निकल गया जिससे लोगों को राहत मिली।
रबी की फसल के लिए लाभदायक
खरीफ की फसल की कटाई के बाद जिले में हुई बारिश आगामी रबी फसल के लिए लाभदायक रहेगी। कृषि विभाग के कुलदीप शर्मा ने बताया कि इस बारिश से रबी की फसल की बुवाई को संबल मिलेगा। रबी की फसल में चना, सरसों, तारामीरा आदि की बुवाई होगी। जमीन में नमी होने से रबी की फसल को लाभ मिलेगा।
जिले में 56 मिली मीटर बारिश
जिले में मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक कुल 56 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई। जिसमें सर्वाधिक तारानगर में 17 मिमी दर्ज की गई। चूरू में 13, बीदासर में 9, सिद्धमुख में 8, रतनगढ़ में 5 भानीपुरा में तीन तथा राजगढ़ में एक 56 मिली मीटर बारिश हुई।
बरसात ने खेतों में किया प्राकृतिक पळाव
जिले में इन दिनों दिन का तापमान ज्यादा होने और बिजली की सप्लाई कम होने से किसान रबी की अगेती बुवाई नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में अब बारिश के कारण किसानों पर दोहरी मार पड़ेगी। बारिश प्रभावित क्षेत्रों में प्राकृतिक पळाव हो गया है। जिससे किसान सरसों व चना की बुवाई समय पर कर सकेंगे।
नमी बढ़ने के कारण अन्य किसान भी महज नाममात्र की सिंचाई कर अगेती फसलें व सब्जियां लगा लेंगे। वहीं बारानी खेतों में तारामीरा व पीली सरसों की बुवाई की जा सकेगी। इसके अलावा जिन खेतों में अभी फसलाें की थ्रेसिंग करवाई जा रही है। वहां भी बारिश के साथ तेज हवाएं चलने से खलिहानों में कटी फसलें व चारा भीग गया है। जिससे गुणवत्ता पर असर पड़ेेगा।
पश्चिमी विक्षोभ का असर: 1975 के बाद रिकॉर्ड बारिश, रेगिस्तान में बरसा 84.2 एमएम पानी
आगे क्या
मौसम केन्द्र जयपुर के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पश्चिमी राजस्थान व आसपास के क्षेत्र के ऊपर एक प्रेरित परिसंचरण तंत्र बना हुआ है। मेघगर्जन बारिश की गतिविधियां होगी। वहीं 18 अक्टूबर से मौसम शुष्क रहेगा। इस दौरान तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है।