विभाग के एचओडी बी.एल पाल ने बताया कि रामधन खुद किसान परिवार से आता है। छात्र ने विभिन्न राष्ट्रीय, प्रदेश और जिलास्तरीय टेक्निकल फेस्ट में भी अपनी पहचान बनाई है। बीकानेर में आयोजित 55वीं राज्य स्तरीय विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी 2022-23 और पुणे में आयोजित 50 वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में भी उनकी इस खरपतवार मशीन को काफी सराहा गया है। चेयरपर्सन डॉ. अशोक कुमार गदिया व कुलपति प्रो.(डॉ.) आलोक मिश्रा ने छात्र को शुभकामनाएं प्रदान की।
मिले एक लाख
बैंगलोर में स्केलर स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित हुई ‘द इंडियन सिलिकॉन वैली चैलेंज’ प्रतियोगिता में 18 हजार से ज्यादा विभिन्न कॉलेजों और स्कूलों के प्रोजेक्ट्स शामिल किए गए थे। जिसमें रामधन की यह नई कृषि मशीन टॉप 10 में जगह बनाने में कामयाब हुई थी। इस दौरान उपकरण का पेटेंट कराने व विकसित करने के लिए एक लाख रुपए की धनराशि भी प्रदान की गई।
पिता की मेहनत देख आया आइडिया
झालावाड़ निवासी छात्र रामधन ने बताया कि बचपन में ही उन्हें यह आइडिया उस समय आया, जब वह अपने पिता को किसी भी फसल की बुवाई करते समय एक बहुत बड़ी रकम खरपतवार निकालने और अन्य कार्यों में खर्च करनी पड़ती थी। जिस कारण उनके सामने हमेशा आर्थिक तंगी की समस्या रहती थी।