लेकिन, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आगे-पीछे इसलिए हो जाते हैं कि हिंदी कैलेंडर में हर तीसरे साल अधिक मास होता है। ऐसे में एक माह की अवधि बढ़ जाती है, इसलिए अंग्रेजी कैलेंडर की गणना के हिसाब से त्योहार आगे-पीछे होते हैं और उनका क्रम बदल जाता है। वर्ष 2023 में अधिक मास था, इसलिए इस बार त्योहारों में अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से दस से पन्द्रह दिन का अंतर दिखाई देगा।
Festivals Calendar 2024 : भगवान विष्णु क्षीर सागर में करते हैं विश्राम
देवशयनी एकादशी पर्व 17 जुलाई को मनाया जाएगा। मान्यता है कि देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करते हैं और भगवान शिव सृष्टि का संचालन करते हैं। इन चार माह में साल के सबसे अधिक व्रत-त्योहार आते हैं। चातुर्मास के दौरान श्रावण का महीना होगा और इस एक माह में भक्त भगवान शिव की आराधना, जलाभिषेक करेंगे। इसी तरह नाग पंचमी, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, गणेश उत्सव, दुर्गा उत्सव, दशहरा, दीपावली सहित अन्य पर्व रहते हैं। चातुर्मास के चार महीनों तक पूरे साल में सबसे अधिक पर्व रहते हैं। इस बार चातुर्मास के दौरान आने वाले अधिकांश पर्व 11 से 15 दिन जल्दी आएंगे।
देवशयनी एकादशी पर्व 17 जुलाई को मनाया जाएगा। मान्यता है कि देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करते हैं और भगवान शिव सृष्टि का संचालन करते हैं। इन चार माह में साल के सबसे अधिक व्रत-त्योहार आते हैं। चातुर्मास के दौरान श्रावण का महीना होगा और इस एक माह में भक्त भगवान शिव की आराधना, जलाभिषेक करेंगे। इसी तरह नाग पंचमी, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, गणेश उत्सव, दुर्गा उत्सव, दशहरा, दीपावली सहित अन्य पर्व रहते हैं। चातुर्मास के चार महीनों तक पूरे साल में सबसे अधिक पर्व रहते हैं। इस बार चातुर्मास के दौरान आने वाले अधिकांश पर्व 11 से 15 दिन जल्दी आएंगे।
शुरू हो गया आषाढ़
पण्डित भट्ट ने बताया कि बरसों साल बाद इस वर्ष आषाढ़ माह का कृष्ण पक्ष 15 के बजाए 13 दिन का होगा। 23 जून से 21 जुलाई तक आषाढ़ मास के दौरान कृष्ण पक्ष में द्वितीया तिथि और चतुर्थी तिथि का क्षय होने से यह पक्ष 13 दिन का होगा। यह काल दुर्योग काल के रूप में होगा। यह संयोग शुभ नहीं माना जाता है। भारतीय पंचांग में हर पक्ष 15 दिन का होता है। लेकिन, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में 15 के बजाए 13 दिन ही रहेंगे। इन 13 दिन को अशुभ माना जाता है। इस बार यह पक्ष 23 जून से शुरू होकर 5 जुलाई तक रहेगा।
पण्डित भट्ट ने बताया कि बरसों साल बाद इस वर्ष आषाढ़ माह का कृष्ण पक्ष 15 के बजाए 13 दिन का होगा। 23 जून से 21 जुलाई तक आषाढ़ मास के दौरान कृष्ण पक्ष में द्वितीया तिथि और चतुर्थी तिथि का क्षय होने से यह पक्ष 13 दिन का होगा। यह काल दुर्योग काल के रूप में होगा। यह संयोग शुभ नहीं माना जाता है। भारतीय पंचांग में हर पक्ष 15 दिन का होता है। लेकिन, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में 15 के बजाए 13 दिन ही रहेंगे। इन 13 दिन को अशुभ माना जाता है। इस बार यह पक्ष 23 जून से शुरू होकर 5 जुलाई तक रहेगा।
इस दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। यह पक्ष दो साल में एक बार आता है। 17 जुलाई देवशयनी एकादशी 21 जुलाई गुरु पूर्णिमा 22 जुलाई से श्रावण माह 19 अगस्त रक्षाबंधन 26 अगस्त कृष्ण जन्माष्टमी 7 सितंबर गणेश चतुर्थी 3 अक्टूबर शारदीय नवरात्रि 12 अक्टूबर विजयदशमी 16 अक्टूबर शरद पूर्णिमा 29 अक्टूबर धनतेरस 31 अक्टूबर दीपावली 12 नवंबर देवउठनी एकादशी