यूं तो पौधे सभी रूपों में मानव के लिए लाभदायक हैं, पर राशि और ग्रह को ध्यान में रखकर पौधे लगाने से मानव को सफलता मिलती है। ज्योर्तिवद डॉ. संजय गील ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति का जन्म किसी न किसी राशि के नक्षत्र में ही होता है। प्रत्येक ग्रह, राशि और नक्षत्र का एक प्रतिनिधि वृक्ष होता है। नक्षत्र, ग्रह और राशियों के अनुसार नवग्रह वाटिका, सप्तऋषि वन से प्रकृति के साथ ग्रहों की स्थिति सुधार सकते है।
नवग्रह वाटिका
सूर्य ग्रह के लिए मदार (आक), सोम के लिए पलाश (ढाक), मंगल के लिए खैर, बुध के लिए अपामार्ग (लटजीरा), गुरु के लिए पीपल, शुक्र के लिए गूलर, शनि के लिए शमी, राहु के लिए दूब और केतु के लिए कुश का पौधा लगाकर नवग्रह वाटिका तैयार की जाती है। डॉ. गील ने बताया कि स्कंध पुराण में हर व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम सात तरह के पौधे पीपल, नीम, बरगद, इमली, कैथा, बेल, आंवला और आम जरूर लगाने चाहिए। विकास की अंधी दौड़ में सबसे ज्यादा बलि पेड़ों की दी है। कोविड काल में लोगों को इसका महत्व समझ में आया था। हमारे धर्मग्रंथों में पेड़ों को लगाने के साथ उनकी पूजा का भी विधान है।
राशि अनुसार पेड़-पौधे लगाएं
मेष: आंवला, कुचला, गूलर। वृषभ: जामुन, यखैर, गूलर। मिथुन: खैर, शीशम, बांस और अपामार्ग। कर्क: बांस, पीपल, नागकेसर। सिंह: पिलखन, पलाश, बरगद। कन्या: बेल, पिलखन, जूही। तुला: बेल, अर्जुन, नागकेसर। वृश्चिक: सेमल, साल, नागकेसर। धनु: साल, कटहल, रोतांग, पाम। मकर: कटहल, नदीर, शमी। कुंभ: कदंब, आम, शमी। मीन: नीम, आम, महुआ।