भाजपा कार्यकर्ताओं में सीपी जोशी को लगातार तीसरी बार टिकट मिलने से उत्साह है। वहीं कांग्रेस नेता भी पार्टी कार्यकर्ताओं में एक बार फिर जान फूंकने में जुट गए हैं। हालाकि प्रत्याशी को लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं। चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र से सीपी जोशी गिरिजा व्यास और गोपाल सिंह ईडवा को हराकर लगातार दो बार सांसद निर्वाचित हो चुके हैं और तीसरी बार भी चुनाव मैदान में हैं।
चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट के लिए वर्ष 1962 में पहली बार चुनाव हुए थे। तब कांग्रेस के माणिक्यलाल वर्मा ने जनसंघ के मदनलाल को पराजित किया था। इसके बाद 1971 में भारतीय जनसंघ के विश्वनाथ ने कांग्रेस के भंवरलाल को हराया था। इसके बाद 1977 में भारतीय लोकदल के श्याम सुंदर यहां से विजयी रहे थे। वर्ष 1980 व 1984 में कांग्रेस की निर्मला कुमारी ने जीत हासिल की थी। जिले में पहली बार वर्ष 1989 में भाजपा का खाता खुला था।
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तब भाजपा प्रत्याशी महेन्द्रसिंह ने कांग्रेस की निर्मला कुमारी को पराजित किया था। वर्ष 1991 व 1996 में यहां भाजपा के जसवंत सिंह जसोल विजयी रहे थे। वर्ष 1998 में कांग्रेस के उदयलाल आंजना ने जसवंत सिंह जसोल को पराजित किया था। वर्ष 1999 व 2004 में यहां से भाजपा प्रत्याशी श्रीचंद कृपलानी विजयी हुए थे। वर्ष 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी गिरिजा व्यास विजयी हुई थी। इसके बाद 2014 व 2019 में चित्तौडग़ढ़ संसदीय सीट से भाजपा के सीपी जोशी विजयी रहे।
चित्तौड़गढ़ संसदीय सीट की खास बात यह है कि यहां कोई भी प्रत्याशी लगातार तीन बार जीत दर्ज नहीं करवा पाया। यहां भाजपा के जसवंत सिंह जसोल, कांग्रेस से निर्मला कुमारी, भाजपा से श्रीचंद कृपलानी और वर्तमान सांसद सीपी जोशी लगातार दो बार विजयी रहे हैं। पर तीसरी बार कोई भी जीत नहीं सका। यदि इस बार सीपी जोशी यह रेकार्ड तोड़ते हैं तो वे आजादी से अब तक हुए चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र के चुनाव में पहले प्रत्याशी होंगे, जो तीन बार जीत की हेट्रिक बनाएंगे।