जांच टीमों को नहीं मिल रहा लुटेरों का सुराग रविवार देर रात उत्तर मध्य रेलवे(एनसीआर) इलाहाबाद मंडल के इलाहाबाद मानिकपुर रेलखण्ड पर पनहाई स्टेशन के पास हुई गंगा कावेरी एक्सप्रेस ट्रेन डकैती चार दिन बाद भी जांच टीमों को असफलता का स्वाद ही चखना पड़ रहा है. घटना की तफ़्तीश में लगीं जीआरपी आरपीएफ एसटीएफ व् जिला पुलिस की टीमों को कोई ठोस जानकारी हांथ नहीं लग पाई है जिससे मोटे तौर पर जिम्मेदार यह कह सकें कि ट्रेन में डकैती की संगीन वारदात को अंजाम किस गैंग ने किन लोगों ने दिया. चित्रकूट पुलिस जहां एक ओर विगत चार दिनों से पाठा के बीहड़ों जंगलों की ख़ाक छान रही है वहीँ जीआरपी व् आरपीएफ के पास इस जवाब के आलावा और कोई जवाब नहीं है कि लुटेरों की तलाश चल रही है. जीआरपी प्रभारी मानिकपुर हरिशंकर ने बताया कि घटना से सम्बंधित सारे पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है. लेकिन जांच में चार दिन बाद कोई खास जानकारी हांथ लगी इस सवाल के जवाब में भी जीआरपी प्रभारी का वही जवाब था कि जांच चल रही है हम लगे हैं.
दलीलों की बिसात पर तफ़्तीश चूंकि घटना चित्रकूट के यूपी एमपी के सीमावर्ती इलाके में हुई और ये क्षेत्र पाठा में आता है सो प्रथम दृष्टया बीहड़ के दस्यु गैंगों पर वारदात को अंजाम देने का शक ज़ाहिर किया गया. घटना के बाद जीआरपी के बड़े अधिकारी दलीलों का पिटारा खोलते हुए घटना से जुड़े सवालों के जवाब में पाठा के डकैतों की भूमिका को पेश कर रहे हैं. मंगलवार को आईजी जीआरपी बीआर मीणा एसपी जीआरपी पीके मिश्रा के साथ सम्बन्धित घटनास्थल पनहाई स्टेशन का दौरा किया और घटना की जानकारी अपने अनुभवों के हिंसाब से ली. इस दौरान जांच से सम्बन्धित प्रश्नों के उत्तर में इन अधिकारीयों ने पाठा में सक्रीय साढ़े पांच लाख के इनामी दस्यु बबुली कोल, दस्यु सुंदरी साधना पटेल दीपक शिवहरे गैंग व् आस पास के संग्दिग्ध बदमाशों की भूमिका को संदेह के घेरे में लेते हुए तफ़्तीश करने की बात कही लेकिन दस्यु सुंदरी साधना पटेल का नाम लेना जीआरपी के अफसरानों द्वारा इस घटना में बीहड़ के सूत्रों के गले भी नहीं उतर रहा है.
जंगलों की ख़ाक छान रही पुलिस सुरगरसी में लगी एसटीएफ वारदात में दस्यु गैंगों की भूमिका को लेकर चित्रकूट पुलिस मानिकपुर व् मारकुंडी के जंगलों की ख़ाक छान रही है विगत चार दिनों से. हलांकि पुलिस सूत्रों के मुताबिक घटना को पेशेवर लुटेरों ने ही अंजाम दिया है और डकैतों की भूमिका की कोई कड़ी तक अभी नहीं मिली है तफ़्तीश में. थानाध्यक्ष मानिकपुर केपी दुबे के मुताबिक लगातार जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है लेकिन अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है फिर भी संदेह के आधार पर पुलिस गैंगों की भूमिका की जांच कर रही है. उधर एसटीएफ को भी लगाया गया है सुरागरसी में. अभी तक जांच टीमों ने कई संग्दिग्ध लोगों को राडार पर लेकर पूछताछ की है लेकिन सफलता का ट्रैक किसी भी टीम को नहीं मिल पाया है हाल फिलहाल.