इसकी जानकारी मायके आने पर बेटी देती थी। फरवरी 2020 में जब आशा मायके आई तो उसने वापस ससुराल भेजने से इंकार कर दिया। इसके बाद दामाद ने वादा किया कि अब वह दहेज के लिए उसे परेशान नहीं करेगा। इस पर उसने बेटी14 फरवरी 2020 को दामाद के साथ भेज दिया।
इसके एक सप्ताह बाद 22 फरवरी 2020 बताया गया कि पटिया गांव में नदी किनारे एक युवती की लाश पड़ी है। सूचना मिलने पर जब वह गया तो देखा शव उसकी बेटी का था। वादी के अनुसार दहेज के लिए दामाद शिवकरण ने उसकी बेटी को मारा और मारने के बाद नदी में फेंक दिया।
पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद त्वरित न्यायालय के अपर जिला जज संजय कुमार ने इस मामले में बुधवार को निर्णय सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होने पर आरोपी पति को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा के साथ 19000 अर्थदंड की सजा सुनाई गई।