छिंदवाड़ा

इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कह गए राकेश सिंह

उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा कि प्रभारी मंत्री का काम सरकार की संचालित योजनाओं की मानीटरिंग और समीक्षा करना है। उनके मन में छिंदवाड़ा की चिंता रहेगी। जिले को कोई सौगात वे मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही देंगे।

छिंदवाड़ाNov 22, 2024 / 12:29 pm

manohar soni

छिंदवाड़ा.प्रभारी मंत्री राकेश सिंह गुरुवार को अपनी दो दिवसीय छिंदवाड़ा यात्रा में अफसरों को अपने पद का एहसास करा गए तो वहीं उन्होंने छिंदवाड़ा में अपनी भूमिका भी स्पष्ट कर दी। उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा कि प्रभारी मंत्री का काम सरकार की संचालित योजनाओं की मानीटरिंग और समीक्षा करना है। उनके मन में छिंदवाड़ा की चिंता रहेगी। जिले को कोई सौगात वे मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही देंगे।
अपने प्रवास के दूसरे दिन प्रभारी मंत्री ने अपनी शुरुआत कलेक्ट्रेट में विभागीय योजनाओं और कार्यक्रम की समीक्षा से की। इस दौरान उन्होंने सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाने की बात कहीं। इस दौरान कोई नवाचार, बजट या कोई नए कार्यक्रम नजर नहीं आया। आगे एक निजी होटल में पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा में अपना मंतव्य स्पष्ट किया। जब उनसे पूछा गया कि आप छिंदवाड़ा को क्या कोई नई सौगात देंगे तो उन्होंने साफ कहा कि ये सब मुख्यमंत्री पर निर्भर है। जैसे उनके निर्देश होंगे, उसका पालन करेंगे। इससे यह स्पष्ट होता रहा कि छिंदवाड़ा के विकास के लिए सीएम की दया का इंतजार करना होगा। इसी तरह पीडब्ल्यूडी से संबंधित एक प्रश्न पर कहा कि उन्होंने छिंदवाड़ा को पहले ही 250 करोड़ रुपए की सडक़ें दी है। मंत्री ने अपने पुराने संस्मरण भी सुनाए और कमलनाथ के बारे में कुछ कहा। इसके अलावा दूसरे विषयों पर भी चर्चा करते रहे।
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जियोस बैठक होती तो रखना पड़ता बजट
प्रभारी मंत्री ने जिला योजना समिति की बैठक नहीं ली। इसकी चर्चा शहर में दिन भर होती रही। प्रशासनिक और राजनीतिक हल्का ये मानता रहा कि योजना समिति की बैठक होती तो प्रशासन को योजनाओं पर होनेवाले खर्च के बजट को पेश करना पड़ता। सरकार के पास वैसे भी बजट की कमी है, इसलिए इस बैठक को टाल दिया गया। बैठक नहीं होगी तो जनप्रतिनिधि सवाल नहीं उठाएंगे और प्रभारी मंत्री को जवाब भी नहीं देना पड़ेगा।
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शहर में फीका दिखाई दिया मंत्री का स्वागत
शहर में बीती रात प्रभारी मंत्री आए तो उनके स्वागत में कहीं न कहीं कमी दिखाई दी। जितने बैनर-पोस्टर गली-मोहल्लों या मुख्य सडक़ पर नजर आने थे, उतने दिखाई दिए। राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा होती रही कि इससे ज्यादा तो कमलनाथ के जन्मदिन पर दिखाई दिए थे। सबसे अच्छा स्वागत शिवराज सरकार के कार्यकाल के प्रभारी मंत्री कमल पटेल के प्रथम आगमन पर हुआ था। लोग ये जानते रहे कि आखिर किसकी नेतागिरी में ये स्वागत कार्यक्रम प्रभावित किया गया।
भाजपा कार्यालय में दिखी नेतागिरी की चिरप्रतिद्वंदिता
जिला भाजपा कार्यालय में बीती रात प्रभारी मंत्री के आगमन के साथ नेतागिरी की चिरप्रतिद्वंदिता दिखाई दी। जिसमें एक नेता का अहंकार टकराता दिखाई दिया। भाजपा के गलियारों में ये चर्चा रही कि प्रभारी मंत्री की ओर से विरोधी गुट के एक नेता को बुलाया गया था। ये नेता जैसे ही कार्यालय पहुंचे तो भाजपा के एक पदाधिकारी ने उन्हें बुलाकर पूछताछ कर ली। इससे सत्ता से जुड़े उनके चिरप्रतिद्वंदी नेता के अहंकार को ठेस पहुंची। वे तुरंत ही कार्यालय से बाहर हो गए। फिर प्रभारी मंत्री ने बैठक भी ली, उन्हें किसी ने नहीं देखा। भोजन में भी साथ नहीं रहे। ये प्रतिद्वंदिता की चरम सीमा थी।
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