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छिंदवाड़ा

90 दिन में चलानी होगी केलोद से भिमालगोंदी तक ट्रेन, नहीं तो दोबारा कराना होगा सीआरएस

ट्रेन चलाने का निर्णय रेलवे बोर्ड को लेना है।

छिंदवाड़ाMar 27, 2019 / 12:00 pm

ashish mishra

patrika

90 दिन में चलानी होगी केलोद से भिमालगोंदी तक ट्रेन, नहीं तो दोबारा कराना होगा सीआरएस

छिंदवाड़ा. केलोद से भिमालगोंदी तक 44 किमी रेलमार्ग छह दिन पहले अप्रूव हो जाने के बावजूद भी अभी तक ट्रेन चलाने को लेकर फैसला नहीं हो पाया है। इस संबंध में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल का कहना है कि ट्रेन चलाने का निर्णय रेलवे बोर्ड को लेना है। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही ट्रेन का परिचालन केलोद से भिमालगोंदी तक किया जाएगा। गौरतलब है कि छिंदवाड़ा से नागपुर आमान परिवर्तन में केलोद से भिमालगोंदी तक कुल 44 किमी में बनाए गए नए रेलमार्ग को कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी(सीआरएस) एके राय ने 20 मार्च को अप्रूव कर दिया है। सीआरएस ने रेलमार्ग पर कुछ क्लाज के साथ अधिकतम 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की अनुमति दी है। हालांकि अप्रूवल लेटर मिलने के छह दिन बाद भी ट्रेन चलाने को लेकर असमंजस बरकरार है। जबकि नियम के अनुसार अगर रेलवे ने तीन माह के अंदर अप्रूव रेलमार्ग पर ट्रेन का परिचालन नहीं किया तो निर्माण विभाग को दोबारा सीआरएस कराना होगा। ऐसे में प्रक्रिया लंबी हो जाएगी।
इतवारी से केलोद तक चल रही है ट्रेन
कलकत्ता से आए कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी एके राय ने 12 एवं 13 जनवरी को इतवारी से केलोद तक बनाए गए रेलमार्ग का निरीक्षण कर लगभग एक हफ्ते में ही अप्रूवल लेटर जारी कर दिया था। 23 फरवरी से इस रेलमार्ग पर ट्रेन का परिचालन भी शुरु कर दिया गया है। इसके पश्चात लगभग दो माह बाद ही सीआरएस ने 16 एवं 17 मार्च को केलोद से भिमालगोंदी तक निरीक्षण कर एक हफ्ते में ही अप्रूवल लेटर जारी कर दिया। ऐसे में लोगों की उम्मीद इतवारी से भिमालगोंदी तक टे्रन से जल्द यात्रा करने की बढ़ गई है। बताया जाता है कि इतवारी से केलोद और फिर भिमालगोंदी तक टाटानगर पैसेंजर का ही परिचालन किया जाएगा।

टिकट की व्यवस्था में जुटा कामर्सियल विभाग
केलोद से भिमालगोंदी के बीच छोटे-बड़े कुल दस स्टेशन हैं। इसमें स्टेशन भिमालगोंदी, रामाकोना, सौंसर, लोधीखेड़ा एवं केलोद वहीं पैसेंजर हॉल्ट देवी, घड़ेला, बेरडी, पारडसिंगा, सावंगा है। सीआरएस के अप्रूवल मिलने के बाद ही रेलवे कामर्सियल विभाग स्टेशनों एवं पैसेंजर हॉल्ट पर टिकट सहित अन्य व्यवस्था बनाने में लग गया है।
30 मार्च से ट्रेन चलने पर बन सकती है सहमति
सूत्रों के अनुसार रेलवे बोर्ड 30 या फिर 31 मार्च से केलोद से भिमालगोंदी तक ट्रेन चलाने का निर्णय ले सकता है।

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