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छिंदवाड़ा

Incomplete MIG Houses: खंडहर बन गए सपनों के महल

– परतला के अधूरे एमआईजी आवास नगर निगम की उपेक्षा का शिकार
– 18 माह में बनाए जाने थे 23 मकान
– पांच साल में भी नहीं हुए पूरे

छिंदवाड़ाJun 22, 2024 / 11:34 am

prabha shankar

परतला के अधूरे एमआईजी आवास

Municipal Corporation के प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत परतला हाउसिंग प्रोजेक्ट में अधूरे पड़े एमआईजी आवास अब खंडहर बनते जा रहे हैं। गाजरघास होने से अब ये जहरीले जीव-जंतुओं का डेरा बन गया है। इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों को करने के बाद भी इस निर्माण को पूरा नहीं किया जा सका है। बताते हैं कि कोरोना संक्रमण से पहले हितग्राहियों ने सात मार्च 2019 एवं 28 मई 2019 को प्रकाशित विज्ञापन तथा शहर में जगह-जगह लगे प्रचार होडिंग्स/बोर्ड से जानकारी प्राप्त होने के उपरांत वर्ष 2019 में नगर पालिक निगम से परतला हाउसिंग प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 33 लाख एवं 34 लाख रुपए में एमआईजी मकान बुक कराए थे। प्रोजेक्ट को पूरा करने की अंतिम तिथि 18 माह थी। पांच साल बीत जाने के बाद भी आज तक आवास का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। अधूरा निर्माण पड़ा है। इस अधूरे निर्माण में बारिश के चलते गाजरघास उग आई है। यहां जहरीले जीव-जंतुओं का आवास है तो वहीं असामाजिक तत्वों के दुरुपयोग करने की आशंका भी जताई जा रही है।

किराए पर मकान और बैंक किस्त भी चुका रहे लोग

बताते हैं कि वर्ष 2019 में कुछ हितग्राहियों ने आवास भवन बुकिंग के दौरान नगर पालिक निगम की शर्तों के अनुसार 10 प्रतिशत बुकिंग राशि जमा की थी। इसके बाद बैंक से होम लोन लेकर निगम की मांग के अनुसार 10 लाख से 30 लाख तक की राशि जमा कर दी है। होम लोन के एवज में बैंक को किस्त भी दे रहे हैं, किराये के मकान में रहने को भी मजबूर हैं। उन्हें परेशानी हो रही है। देरी से निर्माण के चलते उन्हें पीएम आवास की 2.50 लाख की सब्सिडी नहीं मिल सकी।

इमलीखेड़ा में 78 आवास बनकर तैयार… फिर परतला का पेंच कहां फंसा

नगर निगम ने इमलीखेड़ा एवं परतला में कुल 101 मकान (इमलीखेड़ा में 78 एवं परतला में 23) को एक प्रोजेक्ट मानकर निविदा जारी की गई थी। दोनों का कार्य आदेश भी एक ही ठेकेदार को एक ही दर एवं शर्त के अनुसार आवंटित किया गया था। निर्माणाधीन इमलीखेड़ा और परलला के मकानों के प्लाट का साइज, मकान की बनाबट, बाहरी एवं आंतरिक डिजाइन एक जैसा है। इमलीखेड़ा और परतला के मकानों का काम भी एकसाथ शुरू हुआ। इमलीखेड़ा प्रोजेक्ट के मकानों का काम पूर्ण हो गया। परतला प्रोजेक्ट में काम अधूरा पड़ा है। इसका पेंच कहां हुआ है, यह कोई बता नहीं पा रहा है।

बारिश में घुल रही निर्माण सामग्री, खंडहर दिखने से डर रहे लोग

बारिश के समय इस परतला के अधूरे आवास खंडहर हो गए है। पानी में निर्माण सामग्री घुल रही है तो रात्रि के समय इस परिसर से गुजरनेवाले लोग डर रहे हैं। उनका कहना है कि नगर निगम को इस हाउसिंग प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करना चाहिए। साथ ही इन आवासों को संबंधित हितग्राहियों को सौंपना चाहिए। इससे इस क्षेत्र की रौनक बढ़ जाएगी।

18 लाख रुपए अतिरिक्त लागत

परतला हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने प्रति मकान 18 लाख रुपए की अतिरिक्त लागत आ रही है। निगम में बजट न होने की वजह से काम पूरा नहीं हो पा रहा है। बजट मिलते ही इसे प्राथमिकता से पूरा कराया जाएगा।
-ईश्वर सिंह चंदेली, कार्यपालन यंत्री नगर निगम

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