किराए पर मकान और बैंक किस्त भी चुका रहे लोग
बताते हैं कि वर्ष 2019 में कुछ हितग्राहियों ने आवास भवन बुकिंग के दौरान नगर पालिक निगम की शर्तों के अनुसार 10 प्रतिशत बुकिंग राशि जमा की थी। इसके बाद बैंक से होम लोन लेकर निगम की मांग के अनुसार 10 लाख से 30 लाख तक की राशि जमा कर दी है। होम लोन के एवज में बैंक को किस्त भी दे रहे हैं, किराये के मकान में रहने को भी मजबूर हैं। उन्हें परेशानी हो रही है। देरी से निर्माण के चलते उन्हें पीएम आवास की 2.50 लाख की सब्सिडी नहीं मिल सकी।
इमलीखेड़ा में 78 आवास बनकर तैयार… फिर परतला का पेंच कहां फंसा
नगर निगम ने इमलीखेड़ा एवं परतला में कुल 101 मकान (इमलीखेड़ा में 78 एवं परतला में 23) को एक प्रोजेक्ट मानकर निविदा जारी की गई थी। दोनों का कार्य आदेश भी एक ही ठेकेदार को एक ही दर एवं शर्त के अनुसार आवंटित किया गया था। निर्माणाधीन इमलीखेड़ा और परलला के मकानों के प्लाट का साइज, मकान की बनाबट, बाहरी एवं आंतरिक डिजाइन एक जैसा है। इमलीखेड़ा और परतला के मकानों का काम भी एकसाथ शुरू हुआ। इमलीखेड़ा प्रोजेक्ट के मकानों का काम पूर्ण हो गया। परतला प्रोजेक्ट में काम अधूरा पड़ा है। इसका पेंच कहां हुआ है, यह कोई बता नहीं पा रहा है।
बारिश में घुल रही निर्माण सामग्री, खंडहर दिखने से डर रहे लोग
बारिश के समय इस परतला के अधूरे आवास खंडहर हो गए है। पानी में निर्माण सामग्री घुल रही है तो रात्रि के समय इस परिसर से गुजरनेवाले लोग डर रहे हैं। उनका कहना है कि नगर निगम को इस हाउसिंग प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करना चाहिए। साथ ही इन आवासों को संबंधित हितग्राहियों को सौंपना चाहिए। इससे इस क्षेत्र की रौनक बढ़ जाएगी।
18 लाख रुपए अतिरिक्त लागत
परतला हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने प्रति मकान 18 लाख रुपए की अतिरिक्त लागत आ रही है। निगम में बजट न होने की वजह से काम पूरा नहीं हो पा रहा है। बजट मिलते ही इसे प्राथमिकता से पूरा कराया जाएगा।-ईश्वर सिंह चंदेली, कार्यपालन यंत्री नगर निगम