छिंदवाड़ा

नरवाई न जलाने में छिंदवाड़ा के किसान बने मिसाल

फसल अवशेष को जलाने की बजाय कर रहे उपयोग

छिंदवाड़ाNov 21, 2024 / 07:49 pm

mantosh singh

मध्य प्रदेश में नरवाई जलाने की घटनाओं पर सैटेलाइट मॉनिटरिंग के माध्यम से लगातार नजर रखी जा रही है। आईसीएआर क्रीम्स से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के विभिन्न जिलों में फसलों के अवशेष जलाने की घटनाएं बड़ी संख्या में दर्ज हो रही हैं। हालांकि छिंदवाड़ा जिला इस समस्या से अछूता नजर आ रहा है। 17 से 19 नवंबर तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो जबलपुर, ग्वालियर, श्योपुर, होशंगाबाद और रायसेन जैसे जिलों में सैकड़ों मामले दर्ज किए गए। वहीं, छिंदवाड़ा में इन तीन दिनों के दौरान केवल एक मामला सामने आया, वह भी तामिया के ग्राम मानेगांव में। यह प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में बेहद कम है।
किसानों की जागरूकता बनी उदाहरण
छिंदवाड़ा के किसान अब फसल अवशेष को जलाने के बजाय आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग कर रहे हैं। श्रेडर, बेलर, रीपर कम बाइंडर, स्ट्रारीपर, सुपर सीटर और जीरो टिलेज सीड ड्रिल जैसी तकनीकों के इस्तेमाल से किसान न केवल पर्यावरण को बचा रहे हैं, बल्कि इन अवशेषों का सदुपयोग भी कर रहे हैं।
प्रशासन के प्रयास भी रंग ला रहे
जिले में किसानों को जागरूक करने के लिए प्रशासन और कृषि विभाग ने समय-समय पर प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान चलाए हैं। इन प्रयासों का परिणाम है कि छिंदवाड़ा के किसान न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे हैं, बल्कि अन्य जिलों के लिए एक आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं।
प्रदेश के टॉप नरवाई जलाने वाले जिले
17 नवंबर को सबसे ज्यादा 176 मामले श्योपुर जिले में सामने आए। जबलपुर में 127, होशंगाबाद में 58, दतिया में 50 और ग्वालियर में 42 नरवाई जलाने के मामले दर्ज किए गए। इस दिन प्रदेश में कुल 663 जगह पर फसलों के अवशेष जलाए गए। 18 नवंबर को जबलपुर में 116, श्योपुर में 91, होशंगाबाद में 72, ग्वालियर में 63 और रायसेन में 56 मामले सामने आए। छिंदवाड़ा में मात्र एक जगह तामिया के ग्राम मानेगांव जबकि प्रदेश में 639 जगह नरवाई जलाई गई। 19 नवंबर को जबलपुर में 131, ग्वालियर में 107, दतिया में 78, होशंगाबाद में 45 और रायसेन में 39 जगह नरवाई जलाई गई। प्रदेश में 664 मामले दर्ज किए गए। 3 दिन के आंकड़ों पर गौर करें तो छिंदवाड़ा में मात्र एक जगह नरवाई जलाई गई।

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