छिंदवाड़ा

Drinking water supply: अब पानी की गुणवत्ता की डिजिटल जांच, सरकार तक तुरंत पहुंचेगी रिपोर्ट

– अमृत मित्र महिलाएं किट के माध्यम से कर रहीं जांच
– रिपोर्ट ऐप के माध्यम से सीधे भोपाल और दिल्ली तक पहुंच जाएगी

छिंदवाड़ाNov 21, 2024 / 10:41 am

prabha shankar

Drinking Water: If you also drink less water, then be careful, this serious disease can happen

यदि आपके घर में खराब पानी आ रहा है और कोई सुनवाई नहीं हो रही है तो चिंता की बात नहीं। अब आपके घरों में नल से सप्लाई होने वाले पेयजल के की पूरी रिपोर्ट स्वत: ही भारत सरकार के पास पहुंच जाएगी। भारत सरकार ने अमृत 2.0 के अंतर्गत लोगों को शुद्ध पानी मुहैया कराने के उद्देश्य से एक नई पायलट योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत शहर के सभी वार्डों के 42 हजार से अधिक घरों में पहुंचकर स्व. सहायता समूह की प्रशिक्षित महिलाएं एक किट की सहायता से पानी की गुणवत्ता की जांच कर रही हैं।
इन महिलाओं को अमृत मित्र का नाम दिया गया है, जिन्होंने अपना कार्य 12 नवंबर से शुरू भी कर दिया है। ये महिलाएं अपने-अपने आवंटित वार्डों में पहुंचकर डिजिटल किट की सहायता से पांच प्रकार से पेयजल की जांच करती हैं और इन जांचों की रिपोर्ट ऐप के माध्यम से सीधे भोपाल और दिल्ली तक पहुंच जाएगी।
अमृत मित्रों को अलग-अलग वार्ड आवंटित कर दिए गए हैं, वे अपने निर्धारित वार्ड में पहुंचकर सबसे पहले वार्ड पार्षद के घर जाकर पेयजल की जांच कर रही हैं।
मिशन योजना मैनेजर सेवंती पटेल ने बताया कि सुनीता शिवारे को वार्ड 23, 25, 27, 29 एवं 30, सुनीता बोबडे को वार्ड 31, 32, 33, 34, एवं 39, तबस्सुम बानो को वार्ड 18, 19, 20, 21 एवं 26, संगीता विश्वकर्मा को वार्ड 4, 5, 6, 7 एवं 8, लवी नेमा को वार्ड 12, 15, 16, 17 एवं 22, मंजू बनवारी को वार्ड 01, 40, 45, एवं 48, प्रीति डोलेकर को वार्ड 2, 3, 9, 10 एवं 47, आयशा बानो को वार्ड 41, 42, 43, 44 एवं 46, सुषमा सिंह को वार्ड 11, 13, 14 एवं 28 और प्रिया यादव को वार्ड 24, 35, 36, 37 एवं 38 के उपभोक्ताओं के पानी की जांच की जिम्मेदारी मिली है।

अब तक 500 घरों के पेयजल की जांच

पहले किसी के घर के पानी की जांच, तब होती थी जब उस उपभोक्ता के माध्यम से शिकायत निगम पहुंचती थी, अब निगम के योजना कार्यालय से नियुक्त गहना आजीविका, यूनिक आजीविका, ओमकार आजीविका, ईमली आजीविका स्वयं सहायता समूह की 10 महिलाएं बिना शिकायत ही नियमित रूप से पानी की जांच करने घर पहुंच रहीं है। जांच के दौरान अपनी फोटो एवं वीडियो भी बनाएंगी, जिससे जिओ टैग भी किया जाएगा। लोकेशन भी शेयर की जाएगी। 12 नवंबर से अब तक सभी अमृत मित्रों ने 500 से अधिक घरों के पेयजल की जांच कर चुकी हैं। पीएचई विभाग के केमिस्ट सदानंद कोडापे ने बताया कि एक किट से करीब 200 पानी की जांच हो सकती हैं, किट डिजिटल हैं, और इनसे क्लोरीन, अमोनिया, टर्बोडिटी, पीएच एवं टीडीएस की जांच होती है।

इनका कहना है

अमृत 2.0 के तहत नागरिकों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महिला स्वयं सहायता समूहों की 10 महिलाओं को यह जिम्मेदारी दी गई है, इन्हें पूरी तरह प्रशिक्षित किया गया है। पानी की जांच कराने के एवज में प्रत्येक माह इन्हें जांच की संख्या के आधार पर भुगतान भी किया जाएगा। पानी की रिपोर्ट भोपाल एवं दिल्ली तक जाएगी।
उमेश पयासी, मिशन मैनेजर योजना कार्यालय छिंदवाड़ा

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