अब तक 500 घरों के पेयजल की जांच
पहले किसी के घर के पानी की जांच, तब होती थी जब उस उपभोक्ता के माध्यम से शिकायत निगम पहुंचती थी, अब निगम के योजना कार्यालय से नियुक्त गहना आजीविका, यूनिक आजीविका, ओमकार आजीविका, ईमली आजीविका स्वयं सहायता समूह की 10 महिलाएं बिना शिकायत ही नियमित रूप से पानी की जांच करने घर पहुंच रहीं है। जांच के दौरान अपनी फोटो एवं वीडियो भी बनाएंगी, जिससे जिओ टैग भी किया जाएगा। लोकेशन भी शेयर की जाएगी। 12 नवंबर से अब तक सभी अमृत मित्रों ने 500 से अधिक घरों के पेयजल की जांच कर चुकी हैं। पीएचई विभाग के केमिस्ट सदानंद कोडापे ने बताया कि एक किट से करीब 200 पानी की जांच हो सकती हैं, किट डिजिटल हैं, और इनसे क्लोरीन, अमोनिया, टर्बोडिटी, पीएच एवं टीडीएस की जांच होती है।इनका कहना है
अमृत 2.0 के तहत नागरिकों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महिला स्वयं सहायता समूहों की 10 महिलाओं को यह जिम्मेदारी दी गई है, इन्हें पूरी तरह प्रशिक्षित किया गया है। पानी की जांच कराने के एवज में प्रत्येक माह इन्हें जांच की संख्या के आधार पर भुगतान भी किया जाएगा। पानी की रिपोर्ट भोपाल एवं दिल्ली तक जाएगी।उमेश पयासी, मिशन मैनेजर योजना कार्यालय छिंदवाड़ा