अभिभावकों ने बताया कि अब तक छिंदवाड़ा में हमेशा प्रिंट रेट में ही पुस्तकें खरीदनी पड़ी है, पहली बार पता चला कि 5 या 10 फीसद छूट भी मिल सकती है, वहीं कापियों में भी प्रिंट रेट से 25 से लेकर 50 फीसद तक की छूट मिलने के कारण वे हतप्रभ थे, उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस तरह के मेले हर साल लगाने चाहिए, लेकिन इसमें काफी कुछ सुधार की जरूरत है।
अपनी बेटी के लिए किताबें खरीदने पहुंचे एक अभिभावक राजेश जैन ने जब छूट बढ़ाने की मांग तो, दुकानदार अभिभावक पर भडक़ गए। काफी हील हुज्जत के बाद जब बिल बनाया गया, तो पांच फीसद छूट के साथ दूसरे किसी दुकान के नाम से प्रिंट बिल बनाया जाने लगा, जब उसका विरोध किया गया तो दुकानदार ने अपनी दुकान का बिल बनाकर अभिभावक को दिया। एक अन्य अभिभावक ने जब दूसरे कक्ष में दुकानदार से छूट की बात की तो वह भी अपनी खींझ दिखाते हुए प्रशासन से छूट लेने की बात कह दिया। बहरहाल राजेश जैन ने अपने साथ हुई अभद्रता की शिकायत कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से की है।