कुल 51 विद्यार्थियों ने दी थी परीक्षा
तुर्कीखापा हायर सेकंडरी स्कूल में कक्षा 12 वीं में नियमित विद्यार्थी के रूप में सभी 21 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए। इनमें से 19 विद्यार्थी फस्र्ट डिविजन से उत्तीर्ण हुए। दो विद्यार्थी सेकंड डिविजन पास हुए। इसी तरह कक्षा 10 वीं में 30 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए, 24 विद्यार्थी फस्र्ट डिविजन से पास हुए, जबकि छह सेकंड डिविजन आए। परीक्षा में सभी विद्यार्थियों का परिणाम 100 फीसद रहा। उल्लेखनीय है कि कक्षा 12 वीं में 75 फीसद से अधिक अंक पाने वाले 7 छात्र, 60 फीसद से अधिक अंक अर्जित करने वाले 12 और 55 से 60 फीसद तक अंक अर्जित करने वाले 2 छात्र हैं। इनमें भी 75 फीसद से अधिक अंक अर्जित करने वाले पांच विद्यार्थी गणित संकाय एवं दो विद्यार्थी जीव विज्ञान संकाय के हैं।
दर्जन भर शिक्षकों ने किया टीम वर्क
प्रभारी प्राचार्य एसके चौधरी सहित दर्जनभर शिक्षकों की टीम ने टीम वर्क के साथ स्कूल में अध्यापन कार्य किया। शिक्षकों में गोकुल प्रसाद उइके, सुनील बारस्कर, बालराम डोगरे, रेशमी चौरे, राजकुमार नागरे, दामु पाठे, परसु मर्सकोले, भगवंत फरकारे, महेश डोगरे, अजय बारेकर एवं निकुंज ने पूरे साल अपनी पूरी क्षमता से विद्यार्थियों को न सिर्फ पढ़ाया, बल्कि उनकी कमियों को दूर किया।टॉपिक एक्सपर्ट
कुछ अलग नहीं, पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगाया
स्कूल में कक्षा 10वीं के साथ कक्षा 12वीं के सभी बच्चे उत्तीर्ण हुए। इसके लिए पूरे साल ही शिक्षकों की टीम ने विद्यार्थियों के साथ सामंजस्य बनाकर काम किया। इस सब में अभिभावकों की इच्छाशक्ति भी काम आई। अभिभावकों ने कभी भी गुरु शिष्य के बीच दखल नहीं दिया। स्कूल के विषय वस्तु के अलावा राजनीति आदि बाहरी विषयों को अध्यापन से बाहर ही रखा। विद्यार्थी दो दिन भी स्कूल नहीं आया तो तीसरे दिन खुद शिक्षक उसके घर पहुंचे। हर दिन का होमवर्क अगले दिन जांचा गया।पाठ्यक्रम को निर्धारित समय में ही पूरा किया गया। पहले दिन पढ़ाए गए पाठ्यक्रम के लिए अगले दिन कुछ समय रिवीजन में दिया। किसी भी विद्यार्थी की बीमारी की वजह से पिछड़े हुए कोर्स को शिक्षक लक्ष्य मानकर पूरा किए। किसी दिन कोई पीरियड खाली रहा तो उस दिन टाइम पास की जगह कम्प्यूटर की अतिरिक्त कक्षा लगवा दी गई। पूरी टीम को नियमित स्कूल आने के साथ- साथ, लगातार कोर्स को पूरा करने की जानकारी भी ली जाती रही। विद्यार्थी बिना किसी अतिरिक्त कोचिंग या ट्यूशन के ही स्कूल की पढ़ाई से ही उत्तीर्ण हुए हैं।