पत्रिका द्वारा 77वें स्वतंत्रता दिवस पर ‘हम खादी की शान’ अभियान चलाया जा रहा है। पत्रिका सभी से आव्हान करती है कि 15 अगस्त को आइए हम सभी खादी के बनें कपड़े पहने और स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हों। आप हमें खादी कपड़ा पहनकर सेल्फी भी भेजें। इसकी फोटो हम पत्रिका में प्रकाशित करेंगे।
विश्व में खादी भारतीयता की पहचान रही है। खादी से बने वस्त्र व सामग्री अन्य वस्त्रों से अधिक टिकाऊ होते हैं। खादी से बने वस्त्र हर किसी को पहनना चाहिए। पत्रिका का अभियान सराहनीय है।
अमर सिंह, प्राचार्य
खादी से बने वस्त्र मजबूत होते हैं। त्वचा के लिए नुकसानदायक नहीं है। एक समय था खादी चरखा पहले प्रत्येक घरों मे राज करता था, लेकिन यह अब विलुप्त होता जा रहा है। इसे बढ़ावा देना चाहिए।अजय पालीवाल, वकील
एक समय था जब खादी विलुप्त हो रही थी, लेकिन अब युवा काफी पसंद कर रहे हैं। धीरे-धीरे डिमांड बढ़ रही है। खादी हमारे देश की पहचान भी है। इसे सभी लोगों को पहनना चाहिए।विनोद तिवारी, समाजसेवी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी खादी के वस्त्र पहनने को लेकर बात कही है। मैं अक्सर खादी के कपड़े ही पहनता हूं। पत्रिका का अभियान सराहनीय है। इसे बढ़ावा मिलना ही चाहिए। हमारे देश की पहचान है।अंशुल शुक्ला, समाजसेवी