यात्रियों को उठानी पड़ी परेशानी
छिंदवाड़ा से चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों के निरस्त होने की वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह जब वे स्टेशन पहुंचे तो उन्हें ट्रेन के निरस्त होने की जानकारी लगी। ऐसे में उन्हें दूसरे विकल्प तलाशने पड़े।
छिंदवाड़ा से चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों के निरस्त होने की वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह जब वे स्टेशन पहुंचे तो उन्हें ट्रेन के निरस्त होने की जानकारी लगी। ऐसे में उन्हें दूसरे विकल्प तलाशने पड़े।
यह ट्रेनें रहेंगी डायवर्ट
ब्रिज में दरार आने की वजह से रविवार को नागपुर-शहडोल(11201)एक्सप्रेस को डायवर्ट किया गया है। यह ट्रेन नागपुर से आमला होकर छिंदवाड़ा आएगी और इसके बाद शहडोल जाएगी। वहीं शहडोल-नागपुर(11202) एक्सप्रेस छिंदवाड़ा से आमला होते हुए नागपुर जाएगी। वहीं 08266 छिंदवाड़ा-इतवारी पैसेंजर ट्रेन, 08120 छिंदवाड़ा-इतवारी पैसेंजर ट्रेन, 08265 इतवारी-छिंदवाड़ा पैसेंजर ट्रेन कैंसिल कर दी गई है। वहीं 8119 नैनपुर-छिंदवाड़ा पैसेंजर ट्रेन को भिमालगोंदी से इतवारी तक चलाई जाएगी।
ब्रिज में दरार आने की वजह से रविवार को नागपुर-शहडोल(11201)एक्सप्रेस को डायवर्ट किया गया है। यह ट्रेन नागपुर से आमला होकर छिंदवाड़ा आएगी और इसके बाद शहडोल जाएगी। वहीं शहडोल-नागपुर(11202) एक्सप्रेस छिंदवाड़ा से आमला होते हुए नागपुर जाएगी। वहीं 08266 छिंदवाड़ा-इतवारी पैसेंजर ट्रेन, 08120 छिंदवाड़ा-इतवारी पैसेंजर ट्रेन, 08265 इतवारी-छिंदवाड़ा पैसेंजर ट्रेन कैंसिल कर दी गई है। वहीं 8119 नैनपुर-छिंदवाड़ा पैसेंजर ट्रेन को भिमालगोंदी से इतवारी तक चलाई जाएगी।
ब्रिज कार्यों में शुरु से उठते रहे हैं सवाल
ब्रिज नंबर-94 हमेशा से ही सवालों के घेरे में रहा है। इस ब्रिज को अप्रूव करने से पहले सीआरएम ने भी कई बार निरीक्षण किया था और कार्यों को अपूर्ण बताते हुए फिर से करने के निर्देश दिए थे। कई तकनीकी खामियों के चलते रेलवे की एक्सपर्ट टीम भी कई बार पहुंची। दरअसल छिंदवाड़ा से भंडारकुंड कुल 20 किमी घाट सेक्शन में आता है। बताया जाता है कि भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग पर ब्रिज नंबर-94 को बनाने में ढाई करोड़ का खर्च आया था। जबकि महज तीन साल में इस ब्रिज के मेंटनेंस में ही साढ़े तीन करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।
ब्रिज नंबर-94 हमेशा से ही सवालों के घेरे में रहा है। इस ब्रिज को अप्रूव करने से पहले सीआरएम ने भी कई बार निरीक्षण किया था और कार्यों को अपूर्ण बताते हुए फिर से करने के निर्देश दिए थे। कई तकनीकी खामियों के चलते रेलवे की एक्सपर्ट टीम भी कई बार पहुंची। दरअसल छिंदवाड़ा से भंडारकुंड कुल 20 किमी घाट सेक्शन में आता है। बताया जाता है कि भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग पर ब्रिज नंबर-94 को बनाने में ढाई करोड़ का खर्च आया था। जबकि महज तीन साल में इस ब्रिज के मेंटनेंस में ही साढ़े तीन करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।