महापौर विक्रम अहके ने धरना प्रदर्शन को संबोधित किया। कहा कि आयुक्त अपनी नैतिक जिम्मेदारी को भूल चुके हैं। मोक्षधाम में लकडिय़ां नहीं है। आवारा मवेशी और श्वानों का शहर में आतंक है। स्वच्छता को लेकर वे पूरी तरह उदासीन है, उनकी हिटलरशाही की वजह से छिंदवाड़ा नगर निगम आज स्वच्छता सर्वेक्षण में देश में 55 वें स्थान पर है, जबकि इसके पूर्व छिंदवाड़ा 14 वें पायदान पर था और स्टार रेंटिंग तीन थी जो आज महज 1 पर आकर सिमट गई है। इससे न केवल नगर अपितु जिला शर्मशार है। इसके बावजूद भी कमिश्नर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास एवं निगम की टाऊनशिप में मकान खरीदने वाले हितग्राहियों पर अधिक राशि चुकाने का दबाव बनाया जा रहा है।
सेवा देने के बावजूद नहीं दे रहे वेतन-निगम अध्यक्ष
निगम अध्यक्ष सोनू मागो ने कहा कि निगम प्रशासन की उदासीनता से कचरा प्रसंस्करण इकाई शहर के मध्य परासिया रोड स्थित बर्मन की जमीन पर संचालित हो रही है। चौक-चौराहों पर निर्मित सेल्फी पाइंट व पार्कों का रख रखाव नहीं किया जाना प्रशासनिक अमले की बेपरवाही को दर्शाता है। नियमित सेवा देने के उपरांत निगमकर्मियों को मासिक वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की अवहेलना, सर्वर की समस्या बताकर कार्यों में अवरोध उत्पन्न करना निगम आयुक्त की आदत में सुमार हो चुका है। आयुक्त ने 20 से अधिक वाहन सुधरवाने भेजा है, जो आज तक वापस नहीं आए।
धरना प्रदर्शन को शहर कांग्रेस अध्यक्ष पप्पू यादव सहित अन्य गणमान्य ने भी संबोधित किया। इस दौरान महिला कांग्रेस अध्यक्ष किरण चौधरी, शहर कांग्रेस समन्वयक आनंद बक्षी, जय सक्सेना, पार्षद दल के नेता पंडित राम शर्मा, सुधीर पाटनी, जय सक्सेना, जसपाल नैय्यर सहित कांग्रेस के समस्त विभाग, प्रकोष्ठ व मोर्चा संगठन के प्रभारी एवं पार्षद, सभापति उपस्थित रहे।