पत्र में कलेक्टर ने कहा कि मप्र नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 23 (क) के अंतर्गत नगर पालिक निगम छिंदवाड़ा के 28 निर्वाचित पार्षदों ने नगर पालिक निगम अध्यक्ष पद पर धर्मेन्द्र सोनू मागो को चुना था। उनके विरुद्ध अब 32 पार्षदगणों ने हस्ताक्षरित अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कर चर्चा एवं मतदान किए जाने का निवेदन किया है। इस पर चर्चा और मतदान के लिए महापौर तथा पार्षदों का सम्मेलन आठ अक्टूबर को सुबह 11 बजे नगर पालिक निगम छिंदवाड़ा के सभाकक्ष में होगा। इस सम्मेलन में भाजपा पार्षद निगम अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे। उसके उपरांत इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करेंगे। जबकि कांग्रेस पार्षद इसका विरोध करेंगे।
नगर निगम में पिछले दो साल से कांग्रेस की परिषद थी। वर्ष 2022 की जुलाई में कांग्रेस से महापौर विक्रम अहके निर्वाचित हुए थे और 28 पार्षद भी कांग्रेस से आए थे। निगम अध्यक्ष सोनू मागो भी इन पार्षदों की ओर से चुने गए। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में टूट का सिलसिला चला। इससे कांग्रेस के 13 पार्षद और सभापतियों ने भाजपा की सदस्यता ली थी। इससे निगम के 48 पार्षदों में भाजपा पार्षदों की संख्या 33 हो गई है। अब निगम अध्यक्ष सोनू मागो के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश होगा।
नगर निगम अध्यक्ष धर्मेन्द्र सोनू मागो ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि उन्हें कभी पद का मोह नहीं रहा। वे हर दम वरिष्ठ नेता कमलनाथ और नकुल नाथ के मार्गदर्शन में जनसेवा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि साफ नीयत से राजनीति में आए। पीडि़तों की सेवा के लिए आगे भी लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें पद से हटाने के लिए 32 पार्षदों की आवश्यकता होगी।